नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व जेएनयू छात्र उमर खालिद को 10 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है. बता दें दिल्ली पुलिस ने फरवरी में उत्तर पूर्वी दिल्ली हुए सांप्रदायिक दंगे से जुड़े एक मामले में अवैध गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत गिरफ्तार किया था.
खालिद को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत के समक्ष पेश किया गया. पुलिस ने अदालत से कहा कि खालिद को ढेर सारे डाटा से आमना-सामना कराने की जरूरत है. दिल्ली पुलिस खालिद की दस दिन की पुलिस हिरासत मांगी.
प्राथमिकी में पुलिस ने दावा किया है कि सांप्रदायिक दंगा खालिद और दो अन्य की सुनियोजित साजिश था. इन विद्यार्थियों पर राजद्रोह, हत्या, हत्या के प्रयास, धर्म के आधार पर विभिन्न समुदायों के बीच वैमनस्य और दंगा फैलाने का भी मामला दर्ज किया गया है.
प्राथमिकी में आरोप लगाया गया कि खालिद ने दो स्थानों पर कथित भड़काऊ भाषण दिया और नागरिकों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह संदेश देने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा के दौरान सड़कें जाम करने की अपील की कि भारत में अल्पसंख्यकों के साथ अत्याचार किया जा रहा है. प्राथमिकी में दावा किया गया है कि विभिन्न घरो में आग्नेयास्त्र, पेट्रोल बम, तेजाब की बोतलें और पत्थर इकट्ठा किये गये.
पुलिस ने आरोप लगाया कि सह आरोपी दानिश को दो स्थानों पर दंगा के लिए लोगों को इकट्ठा करने की कथित जिम्मेदारी सौंपी गयी. प्राथमिकी के अनुसार इलाके में तनाव पैदा करने के लिए 23 फरवरी को जाफराबाद मेट्रो स्टेशन पास की सड़को को महिलाओं और बच्चों से जाम कराया गया.
गौरतलब है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में संशेाधित नागिरकता कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसा होने के बाद 24 फरवरी को सांप्रदायिक दंगा फैल गया जिसमें 53 लोग मारे गये और करीब 200 लोग घायल हुए.
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