पूर्व कानून मंत्रियों ने राज्यपाल कलराज मिश्र से कहा- सत्र नहीं बुलाने से संवौधानिक संकट पैदा हो सकता है
यूपीए सरकार में कानून मंत्री रहे कांग्रेस के तीन वरिष्ठ नेताओं ने राज्यपाल को पत्र लिखकर विधानसभा सत्र बुलाने की अपील की है. तीनों ने इस पत्र में कहा है कि राज्यपाल की तरफ से सत्र बुलाने में विलंब करने से राजस्थान में एक ऐसा संवैधानिक गतिरोध पैदा हो गया, जिसे पहले ही टाला जा सकता था.
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नई दिल्ली: संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में कानून मंत्री रहे कांग्रेस के तीन वरिष्ठ नेताओं कपिल सिब्बल, सलमान खुर्शीद और अश्वनी कुमार ने राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र को पत्र लिखा. इस पत्र में उन्होंने आग्रह किया कि वह अशोक गहलोत मंत्रिमंडल की अनुशंसा पर विधानसभा सत्र बुलाएं क्योंकि ऐसा नहीं करने से संवैधानिक संकट पैदा होगा.
तीनों ने इस पत्र में यह भी कहा कि राज्यपाल की तरफ से सत्र बुलाने में विलंब करने से राजस्थान में एक ऐसा संवैधानिक गतिरोध पैदा हो गया जिसे पहले ही टाला जा सकता था. उन्होंने 2016 के ‘नबाम रेबिया मामले’ और 1974 के ‘शमशेर सिंह बनाम भारत सरकार’ मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का हवाला देते हुए कहा, ‘‘राज्यपाल मंत्रिपरिषद की सलाह पर विधानसभा सत्र बुलाने को बाध्य हैं.’’
तीनों पूर्व कानून मंत्रियों ने कहा कि विधानसभा सत्र बुलाने की स्थापित संवैधानिक स्थिति से इतर जाने से संवैधानिक संकट पैदा होगा.
गौरतलब है कि राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का राज्य मंत्रिमंडल का संशोधित प्रस्ताव कुछ 'सवालों' के साथ सरकार को वापस भेज दिया है. राजभवन सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी.
राजस्थान में चल रहे राजनीतिक संकट के बीच अशोक गहलोत के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल ने विधानसभा सत्र 31 जुलाई से आहूत करने के लिए राज्यपाल को शनिवार देर रात एक संशोधित प्रस्ताव भेजा था.
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