मुंबई: महान समाज सुधारक छत्रपति शाहू महाराज को एक ट्वीट में 'सामाजिक कार्यकर्ता' के तौर पर उल्लेख करने को लेकर विवाद में घिरे महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आज माफी मांग ली. उन्होंने कहा कि महान शासक का अपमान करने का विचार उनके दिमाग में कभी नहीं आ सकता.


बीजेपी द्वारा मनोनीत राज्यसभा सदस्य छत्रपति संभाजी राजे ने इससे पहले फडणवीस से अपने ट्वीट के माध्यम से छत्रपति शाहू महाराज के अनुयायियों की 'भावनाओं को ठेस' पहुंचाने के लिए माफी मांगने के लिए कहा था. मराठा राजा छत्रपति शिवाजी के वंशज संभाजी राजे को लगभग चार साल पहले राष्ट्रपति के कोटे से राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया था.


अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल ‘@युवराज संभाजी’ पर एक ट्वीट में उन्होंने कहा, ''पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस को कल के प्रकरण के लिए माफी मांगनी चाहिए. इससे मेरे सहित शिव-शाहू के अनुयायियों की भावनाएं आहत हुई हैं.''


संभाजी के ट्वीट का जवाब देते हुए, फडणवीस ने कहा, ''जब मुझे गलती के बारे में पता चला, तो मैंने अपने कार्यालय से ट्वीट में बदलाव करने के लिए कहा था. उनका (शाहू महाराज) अपमान करने का विचार कभी मेरे दिमाग में नहीं आ सकता. मैं मानता हूं कि लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं. मैं इसके लिए माफी मांगता हूं.''


गौरतलब है कि बुधवार को पोस्ट की गई अपनी ट्वीट में फडणवीस ने छत्रपति शाहू महाराज को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें एक 'सामाजिक कार्यकर्ता' कहा था. शाहू महाराज एक बहुत सम्मानित समाज सुधारक थे, जिन्होंने समानता और सामाजिक न्याय की रक्षा की.


राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता फडणवीस ने छत्रपति शाहू महाराज को सामाजिक कार्यकर्ता कहने के लिए ट्रोल किए जाने और आलोचना के बाद ट्वीट को हटा दिया. हालांकि, फडणवीस के ट्वीट के स्क्रीनशॉट को सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित किया गया. कई राजनीतिक नेताओं ने इस पर उनकी आलोचना की.


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