पुणे: बीजेपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को दावा किया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) दो साल पहले उनकी पार्टी से हाथ मिलना चाहती थी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह समय महाराष्ट्र में सरकार गिराने या बदलने का नहीं है क्योंकि राज्य कोरोना वायरस की महामारी से लड़ रहा है.


सरकार के मूल्यांकन का नहीं, सवाल खड़े करने का वक्त


पुणे में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष फडणवीस ने दावा किया कि दो साल पहले शरद पवार की अध्यक्षता वाली एनसीपी, बीजेपी के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार का हिस्सा बनना चाहती थी.


उन्होंने कहा, ‘‘यह समय सरकार का मूल्यांकन करने का नहीं है. यह समय सवाल खड़े (कोविड-19 महामारी के दौरान प्रबंधन को लेकर) करने का है, यह समय खामियों को बताने का है.


फडणवीस ने कहा, ‘‘लेकिन यह समय कमियों के आधार पर सरकार का मूल्यांकन करने का नहीं है. यह समय यह कहने का नहीं है कि मुख्यमंत्री बदलो या इस सरकार की जरूरत नहीं है.’’


सरकार गिराना एजेंडा में नहीं


उन्होंने कहा कि मुख्य विपक्षी पार्टी के नाते भाजपा शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी सरकार की कमियों को रेखांकित कर रही है. फडणवीस ने कहा, ‘‘अभी यह जरूरी है कि इन कमियों को कैसे दूर किया जाए और कैसे सरकार के समक्ष इसे उठाया जाए, जो हम कर रहे हैं.’’


एक सवाल के जवाब में उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य में कोई नया राजनीतिक समीकरण नहीं बन रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘कोई नया समीकरण नहीं है. सरकार को बदलना या गिराना हमारे एजेंडे में नहीं है...सभी देख रहे हैं कि सरकार कैसे चल रही है और मुझे अलग से देखने की जरूरत नहीं है.’’


इसलिए ठंडे बस्ते में गया मामला


एक मराठी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू के संबंध में पूछे गए सवाल पर फडणवीस ने कहा, जब मैं मुख्यमंत्री था तो एनसीपी दो साल पहले बीजेपी के साथ हाथ मिलाना चाहती थी.


उन्होंने कहा, ‘‘वे दो साल पहले हमारे साथ आना चाहते थे. इस सबंध में बैठकें भी हुई थी, लेकिन हमारे वरिष्ठ नेताओं ने स्पष्ट कर दिया था कि बीजेपी, शिवसेना की सहमति के बिना ऐसा नहीं कर सकती है.’’


फडणवीस ने दावा किया, ‘‘उन्होंने (बीजेपी नेताओं ने) कहा कि हम कांग्रेस को अलग-थलग करना चाहते हैं, लेकिन हम शिवसेना का भी साथ चाहते हैं. अगर वे इसके लिए तैयार हैं तो हम (एनसीपी के प्रस्ताव पर) आगे बढ़ने को तैयार हैं. चूंकि हमारे वरिष्ठ नेताओं का यह रुख था, बात काफी आगे बढ़ने के बावजूद मामला ठंडे बस्ते में चला गया.


'सुबह की शपथ' पर लिख रहे किताब


नाटकीय तरीके से पिछले साल नवंबर में सुबह एनसीपी नेता अजित पवार के उपमुख्यमंत्री और फडणवीस के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह इस पूरे घटनाक्रम पर किताब लिखने जा रहे हैं.


उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपने इंटरव्यू में कहा कि मैं इस पूरे घटनाक्रम पर किताब लिखने जा रहा हूं. अगर मैं सभी बातें अभी कह दूंगा तो किताब की कोई मांग नहीं रह जाएगी.’’


उल्लेखनीय है कि पिछले साल शिवसेना ने गठबंधन तोड़कर कांग्रेस-रांकापा के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाई.


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