मुंबई: कृषि कानून को लेकर कांग्रेस पूरे देश में विरोध दर्ज करा रही है. दिल्ली के इंडिया गेट पर यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने ट्रैक्टर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया. महाराष्ट्र में भी कांग्रेस के नेता इसका विरोध कर रहे हैं. इसी सिलसिले में कृषि कानून के विरोध में मुंबई में कांग्रेस नेताओं के एक दल ने राजभवन जाकर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को ज्ञापन सौंपा. डेढ़ घन्टे से ज़्यादा समय तक ये मुलाकात चली. महाराष्ट्र के दो पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे और पृथ्वीराज चव्हाण भी इस प्रतिनिधि मंडल में शामिल थे.
राज्यपाल से मुलाकात पर ABP न्यूज़ से बात करते हुए पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, "हमारे कांग्रेस विधायकों का दल जिसमें कुछ सांसद भी शामिल थे, एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल महोदय से मिला. जिसमें कृषि विधेयक को लेकर एक ज्ञापन दिया और उनसे कहा कि प्रधानमंत्री तक हमारा आक्रोश पहुचाएं. राज्यपाल महोदय से कहा कि इस पर कुछ हल निकलना चाहिए और आराम से बैठकर, दलगत फैसलों को अलग रखकर इसपर चर्चा करनी चाहिये. वह यह बात समझ रहे थे कि देश में कितना आक्रोश है. हमारी मांग थी कि अगर कृषि में कुछ सुधार करने हैं तो अवश्य करिए लेकिन जो ड्राफ्ट बिल है, उस पर चर्चा कीजिए. विपक्ष से चर्चा कीजिए, अर्थशास्त्री से चर्चा कीजिए, संसदीय समिति के पास भेजें, वह चर्चा करेंगे. और एक कदम आगे या एक कदम पीछे कर कर आम राय बना लेंगे. आखिर क्यों जल्दबाजी की गई राज्यसभा में बहुमत ना होते हुए भी सांसदों के मत विभाजन से फैसले का अधिकार का उपयोग क्यों नहीं किया गया."
लेकिन महाराष्ट्र सरकार के घटक दलों में कानून को लेकर आम राय बन पाई है, इस सवाल के जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, "तीन दलों की हमारी साझा सरकार है. मंत्रिमंडल में इसकी पूरी चर्चा होगी और तब इस पर निर्णय लेंगे. मंत्रिमंडल के बाहर इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं है."
बीजेपी कृषि कानूनों पर कांग्रेस के विरोध को महज राजनीति बताती है. बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस के घोषणापत्र में यही बातें थीं, जो तीनों कानूनों में हैं. इस आरोप के जवाब में पृथ्वीराज चव्हाण का कहना है, "ये बिल्कुल गलत है. हमने भी बात कही थी, लेकिन हमने जो बात कही है और सरकार ने जो किया उसका पूरा विश्लेषण करेंगे तो बिल्कुल अलग-अलग बातें हैं. उसको तोड़ मरोड़ कर पेश करना ठीक नहीं है. क्या कारण है कि बीजेपी का सबसे पुराना सहयोगी दल, अकाली दल आज उनसे अलग हो गया. उनका मंत्री इस्तीफा दे देता है. क्या लोगों में आक्रोश नहीं है, विधेयक को लेकर?"
सोमावर सुबह इंडिया गेट पर यूथ कांग्रेस के प्रदर्शन पर खड़े किये जा रहे सवालों पर जवाब देते हुए पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, "क्या यूथ कांग्रेस के सदस्य किसान नहीं हो सकते. वह किसान के बेटे हो सकते हैं. और आक्रोश तो है ही. मैंने देखा नहीं इंडिया गेट पर क्या हुआ है. लेकिन धारा 144 यहां पर भी है. इसीलिए हम जो जुलूस निकालने वाले थे, वह हमने बंद कर दिया. हमारा उद्देश्य ये है कि सरकार तक हमारा ज्ञापन पहुंचे."
ये भी पढ़ें:
सीबीआई जांच के दायरे में आईं सुशांत सिंह की दो बहनें, IPS जीजा और डॉक्टर से भी होगी पूछताछ
बिहार चुनाव: आरजेडी-कांग्रेस में अंतिम दौर की बातचीत से पहले दबाव की रणनीति, इसी हफ्ते होगा गठबंधन की सीटों का एलान