PE Report Leak Case: महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर प्रीलिमिनरी इन्क्वायरी के डॉक्यूमेंट्स लीक करने का शक
PE Report Leak Case: सीबीआई ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख को कथित तौर पर क्लीन चिट देने वाली प्रारंभिक जांच के निष्कर्षों के लीक होने की जांच शुरू की.
PE Report Leak Case: महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. उन पर लगे वसूली के आरोपों की जांच सीबीआई और ईडी कर रही है और अब सीबीआई को शक है की कुछ दिनों पहले जो प्रीलिमिनरी इन्क्वायरी (पीई) की रिपोर्ट वायरल हुई थी, उसे अनिल देशमुख और उनके क़रीबियों ने लीक करवाया था.
सीबीआई ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख को कथित तौर पर क्लीन चिट देने वाली प्रारंभिक जांच के निष्कर्षों के लीक होने की जांच शुरू की. सीबीआई ने अनिल देशमुख के वकील आनंद डागा से पूर्व मंत्री के खिलाफ प्रारंभिक जांच में कथित गड़बड़ी को लेकर पूछताछ की. निचले स्तर के सीबीआई अधिकारी ने अनिल देशमुख के खिलाफ प्रारंभिक जांच को प्रभावित करने के लिए कथित तौर पर रिश्वत दी.
आपको बता दें की ये वही रिपोर्ट है जिसमें अनिल देशमुख को क्लीन चिट दिए जाने की बात कही गई थी. सूत्र यह भी बताते हैं की इस वायरल रिपोर्ट के साथ छेड़छाड़ की गई है, और शक यह भी है की यह रिपोर्ट सीबीआई के निचले स्तर के किसी कर्मचारी ने किया हो सकता है.
सीबीआई सूत्रों ने बताया की प्रीलिमिनरी इन्क्वायरी रिपोर्ट की कॉपी लीक होने के बाद सीबीआई ने इंटर्नल जांच शुरू कर दी है. इसमें सीबीआई को कुछ ऐसी चीज़ पता चली है, जिसकी वजह से उन्हें शक है की अनिल देशमुख और उनके लोगों ने उन लोगों को प्रभावित करने की कोशिश की, जो लोग पीई को ड्राफ़्ट करने में थे या फिर पीई का हिस्सा थे.
एजेंसी को शक है की महाराष्ट्र सरकार के कुछ अधिकारी पीई को प्रभावित करने की साज़िश का हिस्सा हो सकते हैं. सीबीआई सूत्रों ने यह भी बताया की उन्हें शक है की इस तरह पीई प्रभावित सीबीआई के निचले स्तर पर ही हुआ हो सकता है.
सूत्रों ने बताया की लोवर रैंक के अधिकारियों पर जाँच पूरी होने के बाद संबंधित धाराओं के तहत कार्रवाई की जा सकती है. इसी के संदर्भ में सीबीआई ने बुधवार की शाम देशमुख के दामाद गौरव चतुर्वेदी और वकील आनंद डागा को पूछताछ के लिए बुलाया गया. हालांकि चतुर्वेदी ने इस मामले में कुछ भी जानकारी ना होने की बात कही तो देर रात तक डागा का बयान दर्ज किया गया. अनिल देशमुख के ख़िलाफ़ एफ़आईआर तब हुई थी जब सीबीआई को उनके ख़िलाफ़ कुछ सबूत मिले थे.
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