बलात्कार के आरोपी पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे गए
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति को रेप के मामले में विशेष अदालत से राहत जरूर मिली लेकिन एक स्थानीय अदालत ने आज उन्हें एक अन्य मामले में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. प्रजापति और उनके दो कथित सहयोगियों को कल यानि 25 अप्रैल 2017 को पाक्सो की विशेष अदालत ने जमानत दी थी.
वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की पत्नी सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर की तरफ से दर्ज मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संध्या श्रीवास्तव ने प्रजापति को न्यायिक हिरासत में भेजा है.
नूतन ने 20 जून 2015 को गोमतीनगर थाने में एफआईआर दर्ज करायी थी, जिसमें आरोप था कि प्रजापति ने उन्हें और उनके पति को रेप के ‘पूर्णतया फर्जी’ आरोपों और अन्य आरोपों में फंसाने के लिए राज्य महिला आयोग की तत्कालीन अध्यक्ष जरीना उस्मानी के साथ मिलकर षड्यंत्र रचने की मंशा से अपने राजनीतिक और प्रशासनिक प्रभाव का इस्तेमाल किया था.
पुलिस ने शुरूआत में यह कहते हुए कोई कार्रवाई नहीं की कि मामला फर्जी है और इसका मकसद मंत्री को बदनाम करना है लेकिन बाद में सितंबर 2015 में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (लखनऊ) सीजेएम के आदेश पर मामला फिर से खुला.
सीजेएम की अदालत ने आज प्रजापति को दस मई तक की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. इस बीच संबद्ध घटनाक्रम में अमेठी के पुलिस अधीक्षक अनीस अंसारी ने मुंशीगंज के थाना प्रभारी आर के सिंह को प्रजापति के खिलाफ रेप के आरोपों की जांच को प्रभावित करने के लिए निलंबित कर दिया. प्रजापति हाल के विधानसभा चुनाव में अमेठी से हार गये थे.