कभी राजस्थान में बीजेपी के क़द्दावर नेता के तौर पर गिने जाने वाले घनश्याम तिवाड़ी क़रीब ढाई साल बाद फिर अपने घर यानी बीजेपी में शामिल हो गए हैं. वसुंधरा राजे से अपनी अदावत के चलते उन्होंने साल 2018 में बीजेपी से किनारा कर लिया था. घनश्याम तिवाड़ी ने इन ढाई सालों में अपनी पार्टी बनाई और फिर कांग्रेस का दामन भी थामा. लेकिन संघ पृष्ठभूमि के घनश्याम तिवाड़ी का मन कहीं और नहीं लगा और एक बार फिर उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया है.


जून 2018 में बीजेपी से दिया था त्यागपत्र


राजस्थान में भैरों सिंह शेखावत के काल से राजनीति में सक्रिय घनश्याम तिवाड़ी का क़द इतना बड़ा था कि उन्हें शेखावत के राजनीतिक उत्तराधिकारी के रूप में देखा और माना जाता था. लेकिन राजनीति कब किस करवट बैठ जाए कोई नहीं कह सकता. तिवाड़ी के साथ भी ऐसा ही हुआ. कभी वसुंधरा राजे की कैबिनेट में मंत्री रहे तिवाड़ी की वसुंधरा राजे से वैचारिक लड़ाई शुरु हुई और जून 2018 में उन्होंने बीजेपी से त्यागपत्र दे दिया. इसके बाद उन्होंने अपनी एक पार्टी भारत वाहिनी पार्टी भी बनाई.


कांग्रेस की विचारधारा से खुद को नहीं जोड़ सके


 साल 2018 के अंत में राजस्थान में विधानसभा के चुनाव हुए और तिवाड़ी ने जयपुर की सांगानेर सीट से अपनी पार्टी के सिम्बल पर चुनाव लड़ा लेकिन तब उनकी ज़मानत भी नहीं बच सकी. इसके बाद मार्च 2019 में लोक सभा चुनाव से ठीक पहले घनश्याम तिवाड़ी ने जयपुर में हुई राहुल गांधी की रैली में कांग्रेस का दामन थाम लिया. लेकिन यहां भी तिवाड़ी के लिए माहौल घुटन भरा रहा. कांग्रेस ने तिवाड़ी को शामिल भले ही किया हो लेकिन तिवाड़ी कभी भी खुद को कांग्रेस की विचारधारा से जोड़ नहीं सके. आपातकाल में जेल जा चुके तिवाड़ी हमेशा से राष्ट्रीय संघ सेवक से जुड़े रहे इसलिए कांग्रेस में उनका गुज़ारा मुश्किल ही था. जैसे तैसे कर तिवाड़ी ने कांग्रेस के साथ क़रीब पौने दो साल गुज़ारे लेकिन इस दौरान तिवाड़ी कभी भी कांग्रेस के किसी कार्यक्रम या सार्वजनिक समारोह में नज़र नहीं आए.


पीएम के पूछने के बाद तिवाड़ी की हुई घर वापसी


पिछले कुछ दिनो से तिवाड़ी की बीजेपी में वापसी की अटक़ले ज़ोरों पर थी. बताया जाता है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने भी कुछ महीने पहले राजस्थान के एक सांसद से मुलाक़ात के समय उनसे पूछा था कि तिवाड़ी जी का मन लग रहा है क्या ? इस पर इस सांसद ने पीएम को कहा था कि वो खुद तिवाड़ी से पूछकर उन्हें जानकारी देंगे. इसके बाद इन सांसद ने पीएम को बताया था कि तिवाड़ी जी का मन नहीं लग रहा कांग्रेस में. बस यही से तिवाड़ी की घर वापस आने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई थी. आज बीजेपी मुख्यालय में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया समेत अन्य नेताओं की मोजूदगी में तिवाड़ी वापस पार्टी में शामिल हो गए.


तिवाड़ी की घर वापसी वसुंधरा खेमे के लिए बड़ा झटका


तिवाड़ी के प्रधानमंत्री मोदी के साथ बरसों पुराने नज़दीकी संबंध हैं और संघ भी उनकी घर वापसी चाहता था. तिवाड़ी की घर वापसी को वसुंधरा ख़ेमे के लिए एक तगड़ा झटका माना जा रहा है. दरअसल तिवाड़ी ने बीजेपी से बाहर रहकर ढाई साल तक सिर्फ़ और सिर्फ़ वसुंधरा राजे से लोहा लिया. वो अपने पार्टी से बाहर होने की वजह भी वसुंधरा राजे को ही बताते रहे. ऐसे में अगर केंद्रीय बीजेपी ने फिर से तिवाड़ी को पार्टी में वापस शामिल किया है तो ये एक साफ़ संदेश है कि अब वसुंधरा राजे को राजस्थान में पहले जैसा ताकतवर नहीं समझा जाए. कुल मिलाकर तिवाड़ी की घर वापसी एक बात का तो साफ़ संकेत है कि राजस्थान में वसुंधरा राजे के पुराने दिन तो अब शायद ही वापस आएं.


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