UP: जेल में बंद पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की बढ़ी मुश्किलें, अब इस गैंगवार मामले में भी चलेगा हत्या का केस
Uttar Pradesh News: पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी 15 साल से अधिक समय से जेल में है. मुख्तार अंसारी फिलहाल यूपी की बांदा जेल में बंद है.
Mukhtar Ansari News: गैंगस्टर से राजनेता बने मुख्तार अंसारी को एक बड़ा झटका देते हुए पुलिस ने उनके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है. ये मामला 2001 के 'उसरी चट्टी' (Usri Chatti) गैंगवार की घटना के सिलसिले में दर्ज किया है. अधिकारियों ने रविवार (22 जनवरी) को बताया कि मुख्तार अंसारी के खिलाफ गाजीपुर के मोहम्मदाबाद पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
उसरी चट्टी गैंगवार में मारे गए पीड़ितों में से एक मनोज राय के पिता शैलेंद्र राय ने शनिवार को 22 साल बाद मोहम्मदाबाद थाने में मुख्तार अंसारी के खिलाफ मामला दर्ज कराया है. मृतक मनोज राय बिहार के बक्सर जिले के राजपुर थाने के सगराव गांव का रहने वाला था.
क्या है पूरा मामला?
जुलाई 2001 में तत्कालीन मऊ सदर विधायक मुख्तार अंसारी के काफिले पर गाजीपुर के यूसुफपुर कासिमाबाद मार्ग पर उसरी चट्टी के पास हमला किया गया था. मुठभेड़ के दौरान मनोज राय नाम के व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई थी. घायलों में से एक ने बाद में दम तोड़ दिया और नौ अन्य घायल हो गए. पांच बार के पूर्व विधायक 59 वर्षीय मुख्तार अंसारी फिलहाल यूपी की बांदा जेल में बंद है. उन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सात अप्रैल को पंजाब की एक जेल से बांदा जेल लाया गया था.
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी दिया था झटका
इससे पहले 18 जनवरी को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गाजीपुर एमपी/एमएलए कोर्ट के 15 मार्च के उस आदेश को खारिज कर दिया था, जिसमें अंसारी को बांदा में उच्च श्रेणी की जेल में रखने की अनुमति दी गई थी. ये आदेश जस्टिस डीके सिंह ने राज्य सरकार की ओर से दायर याचिका को स्वीकार करते हुए दिया था. कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा था कि विशेष अदालत का आदेश अधिकार क्षेत्र से बाहर है और गैंगस्टर, खूंखार अपराधी बाहुबली अंसारी कानूनी तौर पर जेल में उच्च श्रेणी पाने का हकदार नहीं है.
राज्य सरकार ने सुपीरियर जेल में रखने का विरोध किया
याचिका में गाजीपुर की विशेष अदालत एमपी/एमएलए कोर्ट के उस आदेश की वैधता को चुनौती दी गई थी, जिसमें अंसारी को सुपीरियर जेल में रखने की अनुमति दी गई थी. राज्य सरकार ने कहा था कि यूपी जेल मैनुअल 2022 के मुताबिक, कोर्ट को सिर्फ सुपीरियर क्लास की सिफारिश करने का अधिकार है, लेकिन इसे स्वीकार या खारिज करने का अंतिम अधिकार सिर्फ सरकार के पास है.
उच्च न्यायालय को यह अधिकार है कि वह राज्य सरकार और जिला न्यायालय के जिलाधिकारी को अपनी सिफारिश भेज सकता है. जेल मैनुअल के तहत यह सुविधा देते समय विचाराधीन बंदी की शिक्षा, उसका आचरण, आपराधिक घटना की प्रकृति और आपराधिक मंशा को देखा जाएगा.
मुख्तार अंसारी पर कई आपराधिक मामले हैं दर्ज
राज्य सरकार ने अदालत में कहा था कि, "अंसारी (Mukhtar Ansari) का लंबा आपराधिक इतिहास है. उसके ऊपर 58 आपराधिक मामले दर्ज हैं. वह गिरोह का सरगना है और अपराध गंभीर प्रकृति का है. खूंखार अपराधी को उच्च श्रेणी नहीं दी जा सकती. अधीनस्थ अदालत अधिकार क्षेत्र से बाहर चली गई और उच्च श्रेणी देने का निर्देश दिया. अदालत को इस तरह का आदेश देने का कोई अधिकार नहीं है."
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