नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के मुंबई जोन के पूर्व निदेशक समीर वानखेड़े बुधवार को जालसाजी के मामले में ठाणे पुलिस के सामने पेश हुए. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. वानखेड़े द्वारा नवी मुंबई में अपने रेस्तरां और बार में शराब बेचने के वास्ते लाइसेंस प्राप्त करने के उद्देश्य से 1997 में कथित तौर पर जालसाजी और गलत जानकारी देने के लिए पुलिस ने एक मामला दर्ज किया है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को ठाणे पुलिस को निर्देश दिया था कि प्राथमिकी के सिलसिले में 28 फरवरी तक वानखेड़े के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाए.


अदालत ने यह भी कहा था कि उन्हें सम्मन भेजे जाने पर जांच में सहयोग करने के लिए शहर की पुलिस के सामने पेश होना होगा. अधिकारी ने कहा कि बुधवार को वानखेड़े और उनके वकील ठाणे में कोपरी पुलिस थाने में बयान दर्ज कराने सुबह साढ़े ग्यारह बजे पहुंचे. वानखेड़े ने अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी निरस्त कराने के लिए सोमवार को होईकोर्ट में याचिका दायर की थी. समीर पिछले साल क्रूज ड्रग्स मामले में सुर्खियों में आए थे.


नवाब मलिक ने लगाए थे कई आरोप


महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने पिछले साल नवंबर में दावा किया था कि वानखेड़े का नवी मुंबई के वाशी में एक परमिट रूम और बार है, जिसके लिए लाइसेंस 1997 में प्राप्त किया गया था जब वह नाबालिग थे और इसलिए यह अवैध है. मलिक ने यह भी कहा था कि सरकारी नौकरी में होने के बावजूद वानखेड़े के पास परमिट रूम चलाने का लाइसेंस है, जो सेवा नियमों के खिलाफ है. वानखेड़े ने हालांकि तब मंत्री के दावों को खारिज कर दिया था. राज्य के आबकारी विभाग ने बाद में वानखेड़े को उसके द्वारा प्राप्त ‘बार’ के लाइसेंस के संबंध में नोटिस जारी किया था.


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