एंटिलियां मामले के चलते मुंबई के पुलिस कमिश्नर पद से हटाये गये आईएएस आधिकारी परबीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के बाद अब बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. बॉम्बे हाईकोर्ट में परमबीर सिंह ने एक जनहित याजिका दायर करते हुए अदालत से मांग की है कि महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर जो भ्रष्टाचार के आरोप लगाये गये है उसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए.


साथ ही परबीर सिंह ने अपनी जनहित याचिका में अदालत से ये भी मांग की है कि राज्यगुप्तचर विभाग की आयुक्त रश्मि शुक्ला ने पुलिस अधिकारियों के तबादले में भारी पैसे की लेनदेन और भ्रष्टाचार की जो शिकायत महाराष्ट्र के डीजी से की थी उस पर आजतक कोई भी कार्रवायी नहीं की गई. रश्मि शुक्ला के आरोपों की भी जांच होनी चाहिए.


परमबीर सिंह की जनहित याचिका में ये भी मांग की गई है की सचिन वाजे और संजय पाटिल ये दो पुलिस अधिकारी गृहमंत्री अनिल देशमुख के आदेश से किस तरह से मुंबई के होटल व्यवसायियों से पैसे उगायी का काम करते थे इसको भी जांच होनी चाहिए. दायर जनहित याचिक में इस बात की भी मांग की गई है कि महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के निवास स्थान पर जिन लोगों की बैठक हुई उसके सीसीटीवी फुटेज की भी जांच अति आवश्यक है क्योंकि सबूतों की नष्ट्र करने की कोशिश की जा सकती है. इसलिये सबूतों को जल्द से जल्द जांच एजेंसियों को अपने सुपुर्द लेना चाहिए .


आपको बता दें, मुंबई पुलिस कमिश्ननर पद से तबादले के बाद परबीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में अपने तबादले को चैंलेंज किया था जिसमें सुप्रीम कोर्ट इस चैंलेज को हाईकोर्ट में जाने का आदेश दिया था. परमबीर सिंह ने आज सुप्रीम कोर्ट में दायर रिट को बॉम्बे हाईकोर्ट में जनहित याचिका में तब्दील कर दिया. गौर करने वाली बाद ये है कि इस जनहित याचिका में अब परमबीर सिंह के तबादले वाले मामले का कोई जिक्र नहीं है.


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