नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सम्मान में भारत सरकार ने सात दिनों के राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया है. आमतौर पर राष्ट्रीय शोक की घोषणा राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के निधन पर की जाती है. हालांकि सरकार देश के प्रतिष्ठित व्यक्ति जिन्होंने देश की सेवा में अहम योगदान दिया हो उनके निधन पर भी राष्ट्रीय शोक का ऐलान कर सकती है. राष्ट्रीय शोक महान शख्सियत के निधन पर संवेदना, दुख प्रकट करने का एक तरीका है.
क्या होता है राष्ट्रीय शोक?
- राष्ट्रीय शोक कितने दिनों का होगा ये फैसला केंद्र सरकार करती है.
- राष्ट्रीय शोक के समय देश और विदेश में भारतीय दूतावासों में राष्ट्रीय झंडा आधा झुका रहता है.
- राष्ट्रीय शोक की घोषणा पर स्कूल, कॉलेज और सरकारी दफ्तरों को भी बंद रखा जा सकता है. हालांकि ये सरकार पर निर्भर है.
- शख्सियत का अंतिम संस्कार मिलिट्री ऑनर के साथ किया जाता है.
- सेना का बैंड ने उनके सम्मान में 'ऑनरिंग दोज हू सव्र्ड' संगीत बजाती है. साथ ही बंदूकधारी बंदूकों की सलामी देते हैं.
- सरकारी समारोह और छोटे-बड़े उत्सव को रद्द कर दिया जाता है.
- सरकारी मीडिया दूरदर्शन, आकाशवाणी जैसे प्लेटफॉर्म पर शोक के धुन बजाए जाते हैं. राष्ट्रीय शोक के समय इंटरटेन करने वाले कार्यक्रम प्रसारित नहीं किये जाते हैं.
नेहरू और शास्त्री के स्मारक स्थल के बीच राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर आज होगा वाजपेयी का अंतिम संस्कार