पूर्व पीएम वाजपेयी का मेडिकल बुलेटिन आया, हालत स्थिर लेकिन आज डिस्चार्ज नहीं किए जाएंगे
नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तबीयत स्थिर है. एम्स की तरफ से जारी किए गए मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक उनकी हालत में अब काफी सुधार है. लेकिन उनके डिसचार्ज होने की संभावना कम है. बता दें कि यूरीन में इनफैक्शन की वजह से कल उन्हें भर्ती कराया गया था.
एम्स ने एक बयान में कहा है, "पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की हालात में अब काफी सुधार है. उनको एंटीबायोटिक्स पर रखा गया है. उनका यूरीन इनफैक्शन फिलहाल कंट्रोल में नहीं है.
Former PM Atal Bihari Vajpayee's condition is stable. He is responding to treatment and is on injectable antibiotics. All vital parameters are stable. He will continue to be in hospital till infection is controlled: All India Institute of Medical Sciences
— ANI (@ANI) June 12, 2018
एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया की देखरेख में चिकित्सकों का एक दल उनके टेस्ट कर रहा है." बता दें कि गुलेरिया पलमोनोलॉजिस्ट हैं और कई सालों से वाजपेयी के निजी चिकित्सक रहे हैं.
अटल की तबीयत खराब होने की खबर लगते ही कल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी उन्हें देखने सबसे पहले एम्स पहुंचे. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और लाल कृष्ण आडवाणी उनसे मिलने के लिए एम्स पहुंचे थे.
आपको बता दें कि बीते सात साल से अटल बिहारी वाजपेयी का रुटीन चेकअप एम्स में होता रहा है और मौजूदा चेकअप भी इसी नियमित चेकअप का हिस्सा है. पूर्व पीएम वाजपेयी साल 2009 से बीमार हैं और उन्हें चलने-फिरने के लिए व्हीलचेयर का इस्तेमाल करना पड़ता है. वयोवृद्ध राजनेता डिमेंशिया यानि भूलने की बीमारी से पीड़ित हैं.
ग़ौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी लंबे वक्त से बीमार हैं और चलने फिरने और बात करने से असमर्थ हैं. करीब तीन सालों से उन्हें किसी सार्वजिक सभा में नहीं देखा गया है. याद रहे कि बीजेपी के संस्थापक सदस्यों में शामिल वाजपेयी पहली बार 1996 में देश के पीएम बने. दूसरी बार साल 1998 में पीएम बने और चुनाव में जीत के बाद तीसरी बात 1999 में पीएम बने और साल 2004 तक रहे. मोदी सरकार ने उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाज़ रखा है.