दिल्ली और चंडीगढ़ में फ्लैट... इतनी संपत्ति छोड़ गए पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह
Manmohan Singh Net Worth: राज्यसभा में दिए गए एफिडेफिट के मुताबिक, उनके पास दिल्ली और चंडीगढ़ में एक फ्लैट भी है. एफिडेफिट के मुताबिक, मनमोहन सिंह पर कोई कर्ज नहीं था.
Manmohan Singh Death: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने 92 साल की उम्र में आखिरी सांस ली. दिल्ली एम्स में इलाज के दौरान उनका निधन हो गया. मनमोहन सिंह साल 2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे. डॉ. मनमोहन सिंह अपनी नम्रता, कर्मठता और कार्य के प्रति प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते थे. प्रधानमंत्री पद छोड़ने के बाद उन्होंने सक्रिय राजनीति से दूरी बना ली थी. प्रधानमंत्री पद छोड़ने के बाद मनमोहन सिंह अपनी पत्नी के साथ रहते हैं. डॉ. मनमोहन सिंह और उनकी पत्नी श्रीमती गुरशरण कौर की तीन बेटियां हैं.
पूर्व प्रधानमंत्री के बेहद सादा जीवन जीना पसंद करते थे, वह काफी कम बोलते थे. उनकी संपत्ति की बात करें तो उनके पास कुल 15 करोड़ 77 लाख रुपये की संपत्ति है. राज्यसभा में दिए गए एफिडेफिट के मुताबिक, उनके पास दिल्ली और चंडीगढ़ में एक फ्लैट भी है. एफिडेफिट के मुताबिक, मनमोहन सिंह पर कोई कर्ज नहीं था.
डॉ मनमोहन सिंह की उपलब्धियां
डॉ मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के एक गांव में हुआ था. उन्होंने 1948 में पंजाब विश्वविद्यालय से मेट्रिक की शिक्षा पूरी की. उसके बाद उन्होंने अपनी आगे की शिक्षा ब्रिटेन के कैंब्रिज विश्वविद्यालय से प्राप्त की. 1957 में उन्होंने अर्थशास्त्र में प्रथम श्रेणी से ऑनर्स की डिग्री अर्जित की. इसके बाद 1962 में उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के नूफिल्ड कॉलेज से अर्थशास्त्र में डी.फिल किया. डॉ. मनमोहन सिंह और उनकी पत्नी श्रीमती गुरशरण कौर की तीन बेटियां हैं.
भारत के चौदहवें प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह अपनी नम्रता, कर्मठता और कार्य के प्रति प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं. मनमोहन सिंह साल 1971 में वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के रूप में शामिल हुए. 1972 में उनकी नियुक्ति वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में हुई. डॉ. सिंह ने वित्त मंत्रालय के सचिव; योजना आयोग के उपाध्यक्ष; भारतीय रिजर्व बैंक के अध्यक्ष; प्रधानमंत्री के सलाहकार; विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष के तौर पर काम भी किया. मनमोहन सिंह 1991 से 1996 तक भारत के वित्त मंत्री रहे. ये वक्त देश के आर्थिक ढांचे के लिए काफी अहम था.
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