Rajiv Gandhi Assassination Case: सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में दोषी पेरारिवलन की सज़ा खत्म कर दी है. कोर्ट ने अपनी विशेष शक्ति के तहत पेरारिवलन की रिहाई का आदेश दिया है. पेरारिवलन 30 साल से ज़्यादा की सज़ा काट चुका है. उसने कोर्ट को बताया कि उसे रिहा करने के लिए तमिलनाडु सरकार के आदेश को राज्यपाल और केंद्र ने लटका रखा था.
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत राज्यपाल को किसी कैदी की सज़ा माफ करने का अधिकार है. राज्यपाल ऐसा राज्य सरकार की सलाह पर करते हैं. इस अनुच्छेद में यह नहीं कहा गया है कि राज्यपाल रिहाई की फ़ाइल राष्ट्रपति के पास भेजेंगे. पेरारिवलन के मामले में राज्यपाल ने अनुच्छेद 161 के तहत निर्णय लेने में काफी देर की है. इसलिए, सुप्रीम कोर्ट उसे रिहा कर रहा है.
पेरारिवलन 30 साल से ज़्यादा समय से जेल में है
इससे पहले 9 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने पेरारिवलन को जमानत पर रिहा किया था. कोर्ट ने कहा था कि पेरारिवलन 30 साल से ज़्यादा समय से जेल में है. उसका आचरण बहुत अच्छा रहा है. उसकी रिहाई पर फैसला लेने में सरकार की तरफ से हो रही देरी के कारण उसे हमेशा जेल में नहीं रखा जा सकता है.
जनरल के एम नटराज ने पेरारिवलन की याचिका का कड़ा विरोध किया
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के लिए पेश एडिशनल सॉलिसीटर जनरल के एम नटराज ने पेरारिवलन की याचिका का कड़ा विरोध किया था. उन्होंने कहा कि दोषी को 1999 में फांसी की सज़ा मिली थी. 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने इसे उम्र कैद में बदल दिया था. तब इस बात को आधार बनाया गया था कि राष्ट्रपति उसकी दया याचिका पर फैसला लेने में लंबा समय लगा रहे हैं. अब उसकी सजा खत्म करने पर निर्णय केंद्र सरकार को लेने दिया जाना चाहिए. कानूनन यह फैसला लेना केंद्र का अधिकार है. इसलिए, राज्यपाल ने फ़ाइल राष्ट्रपति के पास भेज कर गलती नहीं की है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की इस दलील को स्वीकार नहीं किया.
11 जून 1991 को पेरारिवलन गिरफ्तार हुए
21 मई 1991 को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में हत्या हुई थी. 11 जून 1991 को पेरारिवलन गिरफ्तार हुए. उस पर बम धमाके में काम आई 8 वोल्ट की बैटरी खरीद कर हमले के मास्टरमाइंड शिवरासन को देने का दोष साबित हुआ था. घटना के समय 19 साल के रहे पेरारिवलन ने जेल में रहने के दौरान अपनी पढ़ाई जारी रखी. उसने अच्छे नंबरों से कई डिग्रियां हासिल की है.
ये भी पढ़ें-