Rajiv Gandhi Death Anniversary: देश आज (21 मई) भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) को 32वीं पुण्यतिथि पर याद कर रहा है. आज ही के दिन राजीव गांधी की तमिलनाडु के चेन्नई के गांव श्रीपेरुमबुदूर नामक गांव में हत्या कर दी गई थी. राजीव गांधी भारत के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्रियों में से एक थे और वो 40 साल की उम्र में इस पद के लिए नियुक्त किए गए थे. हालांकि वो राजनीति में नहीं आना चाहते थे, लेकिन मां इंदिरा गांधी की मौत के बाद उन्हें राजनीति में शामिल होना पड़ा. 


राजीव गांधी ने शिक्षा के क्षेत्र में सुधार, विस्तार और नई नीतियां लाकर इस क्षेत्र में अपना सबसे बड़ा योगदान दिया. उनके मार्गदर्शन में ही इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी की स्थापना की गई. 1991 में चुनाव के प्रचार के दौरान ही एक हमलावर ने उनकी हत्या कर दी थी. उनकी पुण्यतिथि पर आइए उनके अनमोल वचनों को याद करें.


राजीव गांधी के कुछ अनमोल वचन



  • शिक्षा को हमारे समाज में बराबरी का स्थान दिया जाता है. यह एक ऐसा टूल है जो पिछले हजारों सालों के सामाजिक व्यवस्था को एक बराबर के स्तर पर ला सकता है.

  • स्वतंत्रता आंदोलन ने महिलाओं की स्थिति को बदल दिया है. महिलाएं पुरुषों के साथ कामरेड के रूप में लड़ीं. इस क्रम में उन्हें जकड़ी हुई बेड़ियां दूर जा गिरीं.

  • भारत एक प्राचीन देश, लेकिन एक युवा राष्ट्र है…मैं जवान हूं और मेरा भी एक सपना है. मेरा सपना है- भारत को मजबूत, स्वतंत्र, आत्मनिर्भर और दुनिया के सभी देशों में से प्रथम रैंक में लाना और मानव जाति की सेवा करना.

  • महिलाएं एक देश की सामाजिक चेतना होती है. वे हमारे समाज को एक साथ जोड़ कर रखती है.

  • कुछ दिनों तक, लोगों को लगा कि भारत हिल रहा है, लेकिन जब कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो हमेशा कंपन तो होता ही है.

  • यदि किसान कमजोर हो जाते हैं तो देश आत्मनिर्भरता खो देता है, लेकिन अगर वे मजबूत हैं तो देश की स्वतंत्रता भी मजबूत हो जाती है. अगर हम कृषि की प्रगति को बरकरार नहीं रख पाए तो देश से हम गरीबी नहीं मिटा पाएंगे.  


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