नई दिल्ली: साल 2010 से साल 2014 के बीच लगभग 25000 फर्जी डिग्रियां बांटी गई हैं, जिसके आरोप में जोधपुर नेशनल यूनिवर्सिटी के पूर्व अध्यक्ष कमल मेहता की मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत चल अचल संपत्ति को जब्त कर लिया गया है. बताया जा रहा है कि प्रवर्तन निदेशालय ने कमल मेहता और उनके परिजनों की लगभग 13 करोड़ रुपये की संपत्ति को जब्त किया है.


इन संपत्तियों में 12 फ्लैट 3 प्लॉट एक इमारत और 31 बीघा कृषि योग्य जमीन शामिल है. यह सभी संपत्तियां जयपुर, जोधपुर, दिल्ली में है. साथ ही उनसे जुड़े कुछ खातों को भी सील किया गया है. ईडी के मुताबिक यह जांच राजस्थान की एसओजी के कमल मेहता के खिलाफ दायर किए गए आरोप पत्र के आधार पर शुरू की गई थी. यह आरोप पत्र धोखाधड़ी कर फर्जी दस्तावेज बनाने और आपराधिक षड्यंत्र रचने जैसी धाराओं के तहत दाखिल किया गया था.


इस मामले में आरोप था कि कमल मेहता ने कुशाल एजुकेशन ट्रस्ट बनाया, जिसका वह खुद मैनेजिंग ट्रस्टी बना. जिसके बाद उसने साल 2008 में उक्त ट्रस्ट के तहत जोधपुर नेशनल यूनिवर्सिटी बनाई. आरोप है कि इस यूनिवर्सिटी को बनाने के पीछे उनका मकसद छात्रों को फर्जी डिग्री और मार्कशीट जारी करना था. इस षड्यंत्र के तहत उन्होंने फीस जमा कराने, फार्म, परीक्षा और अन्य कार्यों के लिए फर्जी अथॉरिटी लेटर जारी कर अलग-अलग चार राष्ट्रीय समन्वयक भी नियुक्त किए.


आरोप है कि इसके लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से कोई अनुमति नहीं ली गई थी. साथ ही फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सारा कार्य किया गया था. कार्यों के बदले उसे लगभग 12.50 करोड़ रुपये मिले और इस धनराशि को अलग-अलग खातों में जमा कराया गया. यह भी आरोप है कि साल 2010 से साल 2014 तक इस फर्जीवाड़े के जरिए लगभग 25000 डिग्री या और मार्कशीट विभिन्न छात्रों को जारी की गई.


इस फर्जीवाड़े के जरिए जो पैसा आया था वह कमल मेहता और उसके परिजनों के खातों में भी जमा कराया गया था. ईडी ने इस मामले में लगभग 13 करोड रुपये की प्रॉपर्टी जब्त कर ली है और मामले की जांच अभी जारी है.


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