नई दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इशारों-इशारों में मौजूदा सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि जो लोग कांग्रेस के 55 साल के शासन की आलोचना करते हैं वो भारत की आजादी के समय भारत की क्या स्थिति थी उसे नजरअंदाज करते हैं. मुखर्जी ने कहा कि हमारे देश के बहुलतावादी ताने-बाने को ठेस पहुंचाया जा रहा है. उन्होंने कहा, ''भारत का संविधान सभी जाति, धर्म और लिंग के लोगों की सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की गारंटी देता है.''


पूर्व राष्ट्रपति ने कहा, ''हर एक संस्था जिसने हमें ऊंचाईयों तक पहुंचाया है, उसे चुनौती दी जा रही है और हमारे देश के बहुलतावादी ताने-बाने को ठेस पहुंचाया जा रहा है. भेदभाव और कट्टरता का भारत सामना कर रहा है. जिसे देश की आजादी के समय महात्मा गांधी, सरदार पटेल, भीमराव अंबेडकर, डॉ राजेंद्र प्रसाद, मौलादा आजाद, आर अमृत कौर, राममनोहर लोहिया और अन्य नेताओं ने खारिज कर दिया था.''


मुखर्जी ने कहा कि आधुनिक भारत की नींव हमारे उन पूर्वजों ने रखी जिन्हें एक योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था में यकीन था. दिल्ली के मावलंकर हॉल में समृद्ध भारत फाउंडेशन (एसबीएफ) के कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति ने 5 ट्रिलियन डॉलर इकॉनोमी का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों की मजबूत नींव के कारण भारत 2024 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेगा. ध्यान रहे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगले 5 साल में देश की इकोनॉमी 5 ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य रखा है.


प्रणब मुखर्जी ने कहा, ''विभिन्न आर्थिक और सामाजिक क्षेत्र इसलिए अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं क्योंकि आजादी के बाद भारतीयों ने अच्छा प्रयास किया.'' उन्होंने योजना आयोग को भंग किए जाने की आलोचना की. इस दौरान उन्होंने कहा कि गैर-कांग्रेस सरकारों ने भी देश के विकास में योगदान दिया है.


प्रणब मुखर्जी ने कहा कि मंगलयान किसी जादू की वजह से साकार नहीं हुआ बल्कि निरंतर प्रयासों से और जमीन पर काम करने से साकार हुआ. उन्होंने कहा कि भारत ने जो ये दिन दुनी रात चौगुनी तरक्की की है, वो इसलिए क्योंकि जवाहर लाल नेहरू जैसे नेताओं ने आईआईटी, इसरो और आईआईएम जैसे संस्थानों की नींव रखी.