नई दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को सोमवार को उनके मस्तिष्क में क्लॉट हटाने की सर्जरी के बाद वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है. मुखर्जी कल ही कोरोना वायरस से संक्रमित भी पाए गए हैं. आर्मी (रिसर्च एंड रेफरल) अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि सर्जरी के कुछ घंटे बाद तक स्थिति गंभीर रहेगी इसलिए उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट की जरूरत है. अगर वह कोरोना संक्रमित नहीं होते तो शायद इसकी जरूरत न होती.


बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की रक्त का थक्का हटाने के लिए की गई मस्तिष्क सर्जरी सफल रही है. मुखर्जी के सोमवार को कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी. उन्हें सेना के रिसर्च ऐंड रेफरल (आरआर) अस्पताल में भर्ती कराया गया है. 84 वर्षीय प्रणब मुखर्जी ने ट्वीट किया, ''अन्य कारणों से अस्पताल गया था, जहां पर आज कोविड-19 जांच में संक्रमित होने की पुष्टि हुई.''


राजनाथ सिंह ने अस्पताल जाकर स्वास्थ्य की जानकारी ली


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और साल 2012 से 2017 तक देश के राष्ट्रपति रहे मुखर्जी ने ट्वीट में कहा, ''मैं अनुरोध करता हूं कि जो लोग भी गत एक हफ्ते में मेरे संपर्क में आए हैं, वे खुद पृथक-वास में चले जाएं और अपनी कोविड-19 की जांच कराएं.'' रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आरआर अस्पताल जाकर पूर्व राष्ट्रपति के स्वास्थ्य की जानकारी ली. वह अस्पताल में करीब 20 मिनट तक रहे.


राष्ट्रपति बनने से पहले प्रणब मुखर्जी ने एक दमदार सियासी पारी खेली, इसी कारण से राजनीति के गलियारों में उन्हें बेहद सम्मान दिया जाता है. यूपीए 2 के दौरान वे कांग्रेस पार्टी और सरकार के सबसे बड़े संकटमोचन के रूप में उभरे. प्रणब मुखर्जी के कद अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व की तीन पीढ़ियों के साथ काम किया. इसके साथ ही साल 2019 में नरेंद्र मोदी सरकार ने उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा था.


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