बेंगलुरू: कांग्रेस नेता सी के जाफर शरीफ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर भारत के राष्ट्रपति के रूप में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के नाम का समर्थन किया है. उन्होंने कहा है कि देशभक्ति और संविधान के प्रति भागवत की प्रतिबद्धता पर कोई संदेह नहीं है.
भागवत देशभक्त होने के साथ ही लोकतंत्र के प्रति समर्पित हैं: जाफर शरीफ
पूर्व रेल मंत्री शरीफ ने 29 मार्च को लिखे अपने पत्र में कहा, ‘‘मैं निजी तौर पर महसूस करता हूं कि देश के राष्ट्रपति पद के लिए मोहन भागवत के नाम पर विचार किए जाने पर किसी को किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होनी चाहिए.’’ उन्होंने कहा कि किसी को भी राष्ट्रपति पद के लिए भागवत के नाम का विरोध कर के एक मुद्दा नहीं बनाना चाहिए क्योंकि वह एक देशभक्त होने के साथ ही लोकतंत्र के प्रति समर्पित हैं और लोगों के कल्याण के लिए काम कर रहे हैं.
शिवसेना ने दिया था भागवत को राष्ट्रपति बनाने का सुझाव
शिवसेना ने हाल में सुझाव दिया था कि भागवत को अगला राष्ट्रपति बनाया जाना चाहिए लेकिन कांग्रेस इस सुझाव के खिलाफ सामने आयी क्योंकि पार्टी भगवा विचारधारा का विरोध करती है. पार्टी ने कहा कि आंतरिक चर्चा के बाद वह अपना खुद का उम्मीदवार उतारेगी.
भागवत राष्ट्रपति बनते हैं और संविधान के अनुसार काम करते हैं तो गलत क्या है: जाफर शरीफ
इस सवाल पर कि भागवत पर उनका रूख कांग्रेस से अलग हो सकता है शरीफ ने कहा कि मोहन भागवत का उनका समर्थन सिद्धांत का मामला है. उन्होंने सवाल किया, ‘‘जो कोई भी राष्ट्रपति बने उसे संविधान के तहत कार्य करना होगा. भागवत अगर राष्ट्रपति बनते हैं और संविधान के अनुसार काम करते हैं तो गलत क्या है.’’ राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल समाप्त होने वाला है और शीर्ष पद के लिए भागवत की उम्मीदवारी को लेकर अटकलें हैं. आरएसएस प्रमुख ने यद्यपि ऐसी खबरों को खारिज कर दिया है.
आरएसएस ने बांग्लादेश युद्ध के दौरान किया था इंदिरा गांधी का समर्थन: जाफर
शरीफ ने इस बात पर जोर दिया कि बांग्लादेश युद्ध के दौरान आरएसएस ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का समर्थन किया था. उन्होंने सवाल किया, ‘‘अब किसी को भी छोटा और संकीर्ण मानसिकता वाला होकर यह क्यों कहना चाहिए कि हमें एक ऐसे भारतीय में कोई विश्वास नहीं है जो देशभक्त और लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्ध है और लोगों के कल्याण के लिए भी काम कर रहा है.’’
भागवत के नाम पर विचार को लेकर अल्पसंख्यकों में नहीं होना चाहिए भय: जाफर
शरीफ ने कहा, ‘‘मैं इसलिए दृढ़ता से महसूस करता हूं कि किसी को भी भागवत के नाम पर विचार किए जाने का विरोध करके बेवजह का एक मुद्दा नहीं बनाना चाहिए.’’ शरीफ ने उम्मीद जतायी कि राजनीतिक दल भी उदार और बड़े दिल वाले बनेंगे और देश के धर्मनिरपेक्ष लोगों की उम्मीदों के अनुरूप बनने के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेंगे. उन्होंने कहा कि भागवत के नाम को इस प्रतिष्ठित पद के लिए विचार किए जाने पर अल्पसंख्यकों में किसी तरह का भय नहीं होना चाहिए.