Former RAW officer Vikas Yadav: खालिस्तान समर्थक नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोप में पूर्व रॉ अधिकारी विकास यादव की गिरफ्तारी से अमेरिका की प्रत्यर्पण प्रयासों में कठिनाई आ सकती है. अमेरिका ने यादव को "मोस्ट वांटेड" लिस्ट में डालते हुए प्रत्यर्पण की दिशा में कदम बढ़ाए थे, लेकिन दिल्ली पुलिस ने यादव पर डकैती और अपहरण के आरोप, जिनमें 10 साल की सजा हो सकती है, उनके प्रत्यर्पण में बड़ा रोड़ा बन सकते हैं. 


टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक विकास यादव, जो कि सीआरपीएफ (CRPF) में सहायक कमांडेंट थे और बाद में रॉ में डेपुटेशन पद पर थे. यादव को पिछले साल दिसंबर में गिरफ्तार किया गया था. हालांकि अभी वे नियमित जमानत पर बाहर हैं और इस आरोप का पुरजोर विरोध करेंगे कि सेवा से बर्खास्त होने के बाद उन्होंने गंभीर अपराधों का सहारा लिया.


फैसला आने में लग सकता है समय!
भारतीय अदालतों में ऐसे कई मामले सालों से लंबित है और काम के करने की गति को देखकर लगता है कि इस मामले में फैसला आने में काफी समय लग सकता है. यादव को केवल तभी प्रत्यर्पित किया जा सकता है जब मामला अदालत में निपट जाएगा और यदि दोषी ठहराए जाते हैं तो उन्हें अपनी सजा पूरी करनी होगी.


इस बीच भारत अमेरिका को डेविड कोलमैन हेडली उर्फ ​​दाऊद गिलानी की प्रत्यर्पण की लंबित मांग पर एक और रिमाइंडर भेज सकता है. हेडली, जो लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य और अमेरिका के ड्रग एन्फोर्समेंट एजेंसी (DEA) का मुखबिर था, ने 26/11 मुंबई हमलों के लिए रैकी की थी, जिसमें 150 से अधिक लोगों की जान चली गई थी, जिनमें अमेरिकी नागरिक भी शामिल थे. 


कोलमैन हेडली कैसे पहुंचा था भारत?
हेडली के प्रत्यर्पण प्रक्रिया अमेरिकी डीईए के साथ उसके गहरे संबंधों के कारण मुश्किल हो सकती है. दाऊद पाकिस्तानी नागरिकों की जांच से बचने के लिए अमेरिकी पासपोर्ट पर भारत आया था. भारत के तहव्वुर राणा, जो एक पाकिस्तानी मूल का कनाडाई ट्रेवल एजेंट था और 26/11 हमले में हेडली की सहायता कर रहा था, की प्रत्यर्पण की मांग भी अभी लंबित है. राणा ने हेडली के लिए टिकटों की व्यवस्था करके लश्कर की साजिश में मदद की थी.  


हालांकि अमेरिकी अदालत ने लॉस एंजिल्स की जेल से राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है, लेकिन उसके वकीलों ने यहां कानून का सामना करने के भारत के प्रयास को विफल करने के लिए नई तरकीबें अपनाई हैं. पिछले साल, विकास यादव और उनके साथियों पर दिल्ली के एक कैफे मालिक राजकुमार वालिया के अपहरण और फिरौती के लिए डकैती का मामला दर्ज किया गया था. वालिया ने आरोप लगाया था कि यादव और उनके साथी अब्दुल्ला खान ने उन्हें अगवा किया और एक कमरे में ले जाकर 20 लाख रुपये की मांग की थी.


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