Justice Khanwilkar Took Oath As Lokpal: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार (10 मार्च) को राष्ट्रपति भवन में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अजय माणिकराव खानविलकर को लोकपाल अध्यक्ष पद की शपथ दिलाई है.


इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी मौजूद रहे. जस्टिस खानविलकर सुप्रीम कोर्ट में 6 साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद जुलाई 2022 में सेवानिवृत्त हो गए थे. आज से वह लोकपाल अध्यक्ष की भूमिका निभाएंगे.


करीब 2 सालों से खाली था पद
पूर्व जस्टिस एएम खानविलकर को 27 फरवरी को लोकपाल अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. लोकपाल के नियमित अध्यक्ष का पद 27 मई, 2022 को न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष के सेवानिवृत्त हो जाने के बाद से खाली था. लोकपाल के न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार मोहंती कार्यवाहक अध्यक्ष की भूमिका निभा रहे थे. 


नियुक्ति के संबंध में राष्ट्रपति भवन की विज्ञप्ति के मुताबिक, सेवानिवृत्त न्यायाधीश लिंगप्पा नारायण स्वामी, संजय यादव और ऋतुराज अवस्थी को भी लोकपाल के न्यायिक सदस्य के रूप में नियुक्त किया. विज्ञप्ति में कहा गया था कि सुशील चंद्रा, पंकज कुमार और अजय तिर्की को लोकपाल के गैर-न्यायिक सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है.


दरअसल, लोकपाल के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति की ओर से प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समिति की सिफारिशों के आधार पर की जाती है. लोकपाल में एक अध्यक्ष के अलावा 4-4 न्यायिक और गैर-न्यायिक सदस्य हो सकते हैं.


इन फैसलों की वजह से रहे सुर्खियों में
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस खानविलकर कई बड़े फैसलों के लिए सुर्खियों में रहे हैं. उनकी अगुवाई वाली बेंच ने अपराध की आय, गिरफ्तारी की शक्ति, खोज और जब्ती, संपत्तियों की कुर्की की परिभाषा के संबंध में पीएमएलए (धन शोधन अधिनियम के प्रावधान) के कड़े प्रावधानों और दोहरी जमानत की शर्तों की पुष्टि भी की थी. उनकी लोकपाल अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति पर लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी सहमति दी थी. उन्होंने विरोध भी नहीं जताया था.


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