एक्सप्लोरर

"डेडली फॉर डेमोक्रेसी": सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज ने कानून मंत्री की खिंचाई की

Collegium System: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज रोहिंटन फली नरीमन ने कानून मंत्री किरेन रिजिजू की निंदा की है. उन्होंने कॉलेजियम के अनुशंसित जजों के नामों पर फैसला नहीं करने को लोकतंत्र के लिए घातक बताया.

Nariman On Kiren Rijiju: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज रोहिंटन फली नरीमन ने जजों की नियुक्ति संबंधित कॉलेजियम सिस्टम के खिलाफ केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू के आक्षेप की निंदा की है. उन्होंने कहा कि कॉलेजियम के अनुशंसित जजों के नामों पर फैसला नहीं लेना लोकतंत्र के लिए घातक है. नरीमन ने कहा कि अगर स्वतंत्र न्यायपालिका का आखिरी स्तंभ गिर जाता है, तो देश रसातल में चला जाएगा और ‘‘एक नए अंधकार युग’’ की शुरुआत होगी.

उन्होंने शुक्रवार को मुंबई विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता क्या है जब स्वतंत्र और निडर न्यायाधीशों की नियुक्ति नहीं की जा रही है. सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज ने स्पेशल पांच-जजों की एक पीठ के गठन का भी आह्वान किया. उन्होंने कहा कि एक बार कॉलेजियम से किसी न्यायाधीश के नाम की सिफारिश करने के बाद सरकार को 30 दिनों के निश्चित समय के भीतर जवाब देना चाहिए.

‘डेडली फॉर डेमोक्रेसी’

उन्होंने कहा, ‘‘नामों पर फैसला नहीं लेना लोकतंत्र के लिए घातक है. क्योंकि आप केवल यह कर रहे हैं कि आप एक विशेष कॉलेजियम की प्रतीक्षा कर रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि अगला कॉलेजियम अपना विचार बदलेगा. नियुक्ति एक उचित समय अवधि के भीतर की जानी चाहिए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘संविधान इसी तरह काम करता है, और अगर आपके पास स्वतंत्र और निडर न्यायाधीश नहीं हैं, तो कुछ नहीं बचा है. वास्तव में, मेरे अनुसार, यदि लोकतंत्र का यह स्तंभ गिर जाता है, तो हम एक नए अंधकार युग में चले जाएंगे.’’

अगस्त 2021 में सेवानिवृत्त होने तक नरीमन उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम का हिस्सा थे. रिजिजू ने न्यायाधीशों की नियुक्ति संबंधी कॉलेजियम प्रणाली पर बार-बार सवाल उठाया है. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने हाल में कहा था कि सर्वोच्च न्यायालय के राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) अधिनियम को रद्द करना संसदीय संप्रभुता के साथ एक गंभीर समझौता था.

नरीमन ने कानून मंत्री को किया आश्वस्त

नरीमन ने कहा, ‘‘हमने इस प्रक्रिया (न्यायाधीशों की नियुक्ति) के खिलाफ केंद्रीय कानून मंत्री की निंदा सुनी है. मैं कानून मंत्री को आश्वस्त करता हूं कि दो बहुत ही बुनियादी संवैधानिक मूलभूत बातें हैं जिन्हें उन्हें जानना चाहिए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक मौलिक बात यह है कि अमेरिका के विपरीत, भारत में कम से कम पांच न्यायाधीशों पर संविधान की व्याख्या के लिए भरोसा किया जाता है. इसलिए, संविधान की व्याख्या करने के लिए इस संविधान पीठ पर भरोसा किया जाता है और एक बार जब वे ऐसा कर लेते हैं, तो एक प्राधिकारी के रूप में यह आपका कर्तव्य है कि आप उस निर्णय का पालन करें.’’

उन्होंने कहा, ‘‘आप इसकी आलोचना कर सकते हैं...एक नागरिक के तौर पर मैं इसकी आलोचना कर सकता हूं...कोई समस्या नहीं...लेकिन यह कभी न भूलें कि आप एक प्राधिकारी (अथॉरिटी) हैं और एक प्राधिकारी के तौर पर आप सही या गलत के फैसले से बंधे हैं.’’

‘भारत ने अमेरिका से अलग दृष्टिकोण अपनाया’

नरीमन ने बुनियादी संरचना के मुद्दे पर कहा कि इसे 40 साल से अधिक समय पहले दो बार समाप्त करने की कोशिश की गई लेकिन उसके बाद तब से अब तक हालिया घटना को छोड़कर किसी ने भी एक शब्द नहीं कहा. उन्होंने कहा कि भारत ने अमेरिका की तुलना में एक अलग दृष्टिकोण अपनाया जहां न्यायपालिका न्यायाधीशों की नियुक्ति में शामिल नहीं है.

उन्होंने कहा कि यहां संवैधानिक सिद्धांत न्यायपालिका की स्वतंत्रता है और यह लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण है. नरीमन ने कहा, ‘‘न्यायपालिका की स्वतंत्रता क्या है अगर स्वतंत्र और निडर न्यायाधीशों की नियुक्ति नहीं की जा रही है. भारत के प्रधान न्यायाधीश से बेहतर कौन जानता होगा कि न्यायाधीश नियुक्त किया जाना चाहिए या नहीं.’’ उन्होंने कहा कि बाद में यह फैसला किया गया कि प्रधान न्यायाधीश के अलावा वरिष्ठ न्यायाधीशों से भी सलाह ली जाएगी और न्यायपालिका ने नियुक्ति प्रक्रिया को अपने हाथों में ले लिया.

ये भी पढ़ें: 'न्याय में देरी का मतलब जस्टिस से इनकार है, न्यायपालिका-सरकार को साथ आना होगा', लंबित मामलों का जिक्र कर बोले कानून मंत्री

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Champions Trophy: भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीतकर रचा इतिहास, चीन को 1-0 से हराया
भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीतकर रचा इतिहास, चीन को 1-0 से हराया
Russia-Ukraine War: पुतिन का वो फैसला जो पूरी दुनिया का नक्शा बदल देगा!
Russia-Ukraine War: पुतिन का वो फैसला जो पूरी दुनिया का नक्शा बदल देगा!
Maharashtra Assembly Elections 2024 Live: महाराष्ट्र में  58.22% फीसदी मतदान, बीड में निर्दलीय प्रत्याशी का निधन, वोटिंग खत्म
Live: महाराष्ट्र में 58.22% फीसदी मतदान, बीड में निर्दलीय प्रत्याशी का निधन, वोटिंग खत्म
Maharashtra Elections 2024 Voting: सलमान, करीना, शाहरुख जैसे सेलेब्स ने मुंबई में की वोटिंग, बूथ पर दिन भर लगा रहा तांता
सलमान, करीना, शाहरुख जैसे सेलेब्स ने मुंबई में की वोटिंग, बूथ पर दिन भर लगा रहा तांता
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Maharashtra Election 2024: बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार ने किया मतदान | KFHMaati Se Bandhi Dor: OMG! Vaiju और Ranvijay को है प्यार, आखिर क्यों नही मिट रहीं दूरियां? #sbsUrvashi Rautela ने क्यों बदला खुदको? Singer Shael Oswal के खुलासे.UP Byelection : यूपी में उपचुनाव के दौरान कई जगहों पर भारी बवाल | Breaking News | Akhilesh Yadav

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Champions Trophy: भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीतकर रचा इतिहास, चीन को 1-0 से हराया
भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीतकर रचा इतिहास, चीन को 1-0 से हराया
Russia-Ukraine War: पुतिन का वो फैसला जो पूरी दुनिया का नक्शा बदल देगा!
Russia-Ukraine War: पुतिन का वो फैसला जो पूरी दुनिया का नक्शा बदल देगा!
Maharashtra Assembly Elections 2024 Live: महाराष्ट्र में  58.22% फीसदी मतदान, बीड में निर्दलीय प्रत्याशी का निधन, वोटिंग खत्म
Live: महाराष्ट्र में 58.22% फीसदी मतदान, बीड में निर्दलीय प्रत्याशी का निधन, वोटिंग खत्म
Maharashtra Elections 2024 Voting: सलमान, करीना, शाहरुख जैसे सेलेब्स ने मुंबई में की वोटिंग, बूथ पर दिन भर लगा रहा तांता
सलमान, करीना, शाहरुख जैसे सेलेब्स ने मुंबई में की वोटिंग, बूथ पर दिन भर लगा रहा तांता
साल 2030 तक कुत्तों से होने वाली बीमारी रेबीज को पूरी तरह से खत्म करने की कोशिश, भारत में 'वन हेल्थ' की पहल
साल 2030 तक कुत्तों से होने वाली बीमारी रेबीज को पूरी तरह से खत्म करने की कोशिश, भारत में 'वन हेल्थ' की पहल
Nandini Milk: कर्नाटक का मशहूर नंदिनी मिल्क ब्रांड अब दिल्ली में आएगा, अमूल और मदर डेयरी को देगा टक्कर
कर्नाटक का मशहूर नंदिनी मिल्क ब्रांड अब दिल्ली में आएगा, अमूल और मदर डेयरी को देगा टक्कर
नाम बड़े हैं, लेकिन पैसा ज्यादा नहीं मिलेगा... IPL 2025 की नीलामी में इन स्टार क्रिकेटर को नहीं मिलेगा मोटा पैसा!
नाम बड़े हैं, लेकिन पैसा ज्यादा नहीं मिलेगा, IPL 2025 की नीलामी में इन स्टार क्रिकेटर को नहीं मिलेगा मोटा पैसा!
Study In USA: अमेरिका में पढ़ने वालों में दक्षिण का बोलबाला, आधे से ज्यादा वीजा आंध्र और तेलंगाना के आवेदकों को
अमेरिका में पढ़ने वालों में दक्षिण का बोलबाला, आधे से ज्यादा वीजा आंध्र और तेलंगाना के आवेदकों को
Embed widget