TMC के पूर्व नेता मुकुल राय बीजेपी में शामिल, कहा- ‘साम्प्रदायिक नहीं, धर्मनिरपेक्ष है पार्टी’
बीजेपी में शामिल होने के बाद मुकुल राय ने कहा कि मेरा पूरा विश्वास है कि बीजेपी के समर्थन के बिना तृणमूल कांग्रेस बंगाल में सत्ता में नहीं पहुंच सकती थी.
नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के पूर्व नेता मुकुल रॉय आज बीजेपी में शामिल हो गए. उन्होंने केंद्रीय विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद और बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीज की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ली. इस मौके पर उन्होंने बीजेपी की तारीफ करते हुए कहा कि पार्टी साम्प्रदायिक नहीं बल्कि धर्मनिरपेक्ष है.
बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करने के बाद मुकुल रॉय ने पार्टी मुख्यालय में कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में काम करने का मौका मिला है. इस अवसर पर मंच पर मौजूद प्रसाद ने कहा कि मुकुल रॉय के अनुभव का पार्टी को लाभ मिलेगा.
प्रसाद ने कहा कि मुकुल राय तृणमूल कांग्रेस के संस्थापक सदस्य रहे हैं और उन्होंने तृणमूल कांग्रेस को सत्ता में पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. राय ने प्रभावशाली तरीके से माकपा के 30 सालों के शासन के दौरान जारी ज्यादती के खिलाफ संघर्ष किया और उस समय माकपा के आतंक को समाप्त करने में हिम्मत से लड़े.
उन्होंने कहा कि बीजेपी का विस्तार हो रहा है और हमारा क्षेत्र बढ़ रहा है. आज देश में 13 राज्यों में हमारी पार्टी के मुख्यमंत्री हैं और पांच राज्यो में हमारे उपमुख्यमंत्री हैं. केंद्र में हमारी सरकार है. मुकुल राय जैसे बड़े और अनुभवी नेता के बीजेपी में शामिल होने का हमें लाभ मिलेगा. मुकुल राय के बीजेपी में आने से संगठन के विस्तार में मदद मिलेगी और बंगाल में हमारा विस्तार होगा.
बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ मिलकर टीएमसी की स्थापना करने वालों में शामिल रहे मुकुल रॉय यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा के सदस्य रह चुके हैं. मुकुल रॉय के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें काफी दिनों से चल रही थी. पिछले माह ही राज्यसभा से उनका इस्तीफा मंजूर किया गया था. राय ने 11 अक्तूबर को राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू से मुलाकात कर उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा था.
बीजेपी में शामिल होने के बाद मुकुल राय ने कहा कि मेरा पूरा विश्वास है कि बीजेपी के समर्थन के बिना तृणमूल कांग्रेस बंगाल में सत्ता में नहीं पहुंच सकती थी. 1998 में वह बीजेपी के साथ मिलकर लोकसभा का चुनाव लड़ी, 1999 में तृणमूल राजग की सहयोगी बनकर चुनाव लड़ी और ममता जी वाजपेयी सरकार में मंत्री भी बनी.
उन्होंने कहा कि बीजेपी साम्प्रदायिक नहीं बल्कि धर्मनिरपेक्ष ताकत है और आने वाले समय में वह बंगाल में सत्ता में आयेगी.