मनमोहन सरकार में कानून मंत्री रहे Ashwani Kumar ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर साधा निशाना, क्या कुछ कहा?
Punjab Assembly Election: पंजाब में वोटिंग से कुछ दिनों पहले अश्विनी कुमार का कांग्रेस छोड़ना पार्टी के लिए बड़ी मुसीबत बन चुकी है. कुछ नेता नाराज भी बताए जा रहे हैं.
Ashwani Kumar on Congress: मनमोहन सरकार के दौरान कानून मंत्री रहे अश्विनी कुमार (Ashwani Kumar) ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. अश्विनी कुमार ने मंगलवार सुबह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को इस्तीफा भेजा और कहा कि वह पार्टी से बाहर रहकर देश के लिए बेहतर तरीके से कार्य कर सकते हैं. 'एबीपी न्यूज़' से बातचीत के दौरान अश्विनी कुमार ने बिना राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का नाम लिए कांग्रेस के नए नेतृत्व पर सवाल खड़े किए. पूर्व कानून मंत्री ने कहा कि कांग्रेस कि नयी लीडरशिप में दम नहीं है और ना ही यहां पर पुराने नेताओं का सम्मान है, ऐसे में पार्टी से नाता तोड़ रहा हूं.
कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद अश्विनी कुमार ने कहा कि मौजूदा कांग्रेस वो पार्टी नहीं है जो हुआ करती थी. अश्विनी कुमार ने कहा कि, "मैंने यह फैसला अचानक नहीं लिया काफी सोच समझ के बाद में कांग्रेस अध्यक्ष को अपना इस्तीफा भेजा है. पूर्व कानून मंत्री ने कहा कि यह एक दर्द भरा फैसला था, लेकिन आज जिस तरह से कांग्रेस की आंतरिक प्रक्रियाएं चल रही हैं, मैं अपनी गरिमा और आत्मसम्मान के साथ समझौता कर आगे नहीं बढ़ सकता था."
अश्विनी कुमार ने कहा कि, "कांग्रेस का जो नया नेतृत्व है वह ना तो जो नए और युवा चेहरे थे जिनको अपने साथ रखने की बात कर रहा था उनको ही अपने साथ रख पाया और ना ही अनुभवी वरिष्ठ चेहरों को पार्टी में उचित सम्मान दिला पाया. ऐसे में कांग्रेस की मौजूदा हालत देखकर दुख भी होता है." कांग्रेस के बगावती खेमे जी 23 को लेकर पूछे गए सवाल पर अश्विनी कुमार ने कहा की सिर्फ आवाज उठाने या बोलने से कुछ नहीं होगा अगर आप कुछ करना चाहते हैं तो कड़े फैसले लेने होते हैं. वहीं कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा उठाए गए सवालों और फैसले पर अश्वनी कुमार ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर ने जो कहा सही कहा था और उन्होंने जो फैसला लिया वह भी सही था क्योंकि इस नई कांग्रेस में अनुभवी लोगों का सम्मान नहीं हो रहा.
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्षा को भेजे गए इस्तीफे में अश्विनी कुमार ने लिखा था "आदरणीय कांग्रेस अध्यक्ष, मैंने इस मामले में काफी सोच-विचार किया और इस निर्णय पर पहुंचा कि ताजा परिस्थितियों और अपनी मर्यादाओं के अनुरूप मेरे लिए बेहतर होगा कि पार्टी से अलग होकर राष्ट्रीय हित में काम करूं. इसलिए मैं 46 वर्षों के लंबे रिश्ते को यहीं विराम देते हुए पार्टी छोड़ रहा हूं और उम्मीद करता हूं कि मैं सुधारवादी नेताओं से प्रेरित जनहित के कार्यों को सक्रियता से अंजाम दूंगा जो उन गौरवशाली संकल्पों पर आधारित होंगे जिनका सपना स्वतंत्रता सेनानियों ने देखा था." इस इस्तीफे में अश्विनी कुमार ने कहा कि "मैं आदरपूर्वक कहना चाहता हूं कि अतीत में मेरा साथ देने के लिए आपका शुक्रिया. ईश्वर आने वाले वर्षों में आपको अच्छी सेहत बख्शे."
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