Bihar Politics: बिहार से पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणी कुशवाहा ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मंगलवार (11 जुलाई) को मुलाकात की. ऐसा माना जा रहा है कि इस मुलाकात के बाद शोषित इंकलाब पार्टी के अध्यक्ष नागमणि कुशवाहा एनडीए का दामन थाम सकते हैं.
बीजेपी के वरिष्ठ नेता के साथ अपनी मुलाकात के बारे में पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा कि बीजेपी को बिहार में महागठबंधन को हराने के लिए क्षेत्रीय नेताओं को शामिल करके कांग्रेस-जेडीयू-आरजेडी और लेफ्ट संगठनों का मुकाबला करने के लिए एक बड़ा गठबंधन बनाना चाहिए. नागमणी ने कहा कि वह यह गठबंधन 2024 के लोकसभा चुनाव को मद्देनजर रखकर कर रहे हैं.
पिता की हत्या की कराई जाए सीबीआई जांच
नागमणि ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनका राज्य लोकसभा में 40 से अधिक सांसद भेजता है और यह राष्ट्रीय चुनावों में दोनों गठबंधनों की किस्मत के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. उन्होंने बताया कि चुनाव से पहले सभी बड़ी पार्टियां गठबंधन कर रही हैं इसलिए मेरा आग्रह है कि बीजेपी को भी गठबंधन करना चाहिए.
इसके अलावा नागमणि ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री से उनके पिता जगदेव प्रसाद की मौत की सीबीआई जांच कराने का भी आग्रह किया. उन्होंने बताया कि उनके पिता की तब गोली मारकर हत्या कर दी गई थी जब वह 1974 में सरकार के खिलाफ एक विरोध मार्च का नेतृत्व कर रहे थे.
बिहार में कितने मजबूत हैं नागमणि कुशवाहा
पिछले कुछ सालों की राजनीति को देखें तो हम पाएंगे कि बीते सालों में अपने खुद के राजनीतिक स्टॉक में गिरावट की वजह से नागमणि कुशवाहा ने जेडीयू और आरजेडी दोनों से हाथ मिलाया है और बाद में उनका साथ छोड़ा है. हालांकि ऐसा कहा जाता है कि अभी भी कुछ इलाकों में उनके समुदाय के मतदाताओं के बीच उनकी अच्छी पकड़ है. इसका मुख्य कारण उनके पिता की विरासत है.
इससे पहले नागमणि ने बीते साल ही अपनी राजनीतिक पार्टी शोषित इंकलाब पार्टी की स्थापना की थी. बिहार के जातीय गणित के मुताबिक राज्य में यादव वोट बैंक के बाद कुशवाहा के वोट बहुत महत्व रखते हैं क्योंकि उनके बाद राज्य में वही सबसे बड़ी बैकवर्ड कम्युनिटी बचते हैं.