'किसी धर्म के खिलाफ नहीं', पूर्व केंद्रीय मंत्री ने बता दिया, क्यों वक्फ संशोधन विधेयक ला रही सरकार
Waqf Board: वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को लेकर देशभर में विवाद गहरा गया है. BJP इसे पारदर्शिता में अहम कदम मान रही है, वहीं विपक्ष इसे मुस्लिम समुदाय के खिलाफ राजनीति का हिस्सा बता रहा है.
Waqf Amendment Bill 2024: देश में वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को लेकर घमासान तेज हो गया है. एक ओर जहां भारतीय जनता पार्टी (BJP) इस बिल को पारदर्शिता और कानून की एकरूपता लाने की दिशा में एक कदम मान रही है वहीं दूसरी ओर विपक्षी दल इसे मुस्लिम समुदाय के खिलाफ बीजेपी की राजनीतिक साजिश मान रहे हैं. भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस बिल का बचाव करते हुए कहा कि सरकार का उद्देश्य वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता लाना है और यह किसी विशेष धर्म के खिलाफ नहीं है. उनका कहना था "हमारा मकसद एक ऐसा सिस्टम स्थापित करना है जहां हर धर्म और समुदाय के लिए समान कानून हो."
जावड़ेकर ने इस मुद्दे पर महाराष्ट्र में महायुति के समर्थन का उल्लेख किया जबकि महाविकास अघाड़ी और विपक्षी पार्टियां इस बिल के विरोध में खड़ी हैं. उन्होंने कहा "वर्तमान में वक्फ बोर्ड की स्थिति यह है कि वक्फ जिसको कहे वह जमीन उसकी हो जाती है. इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती, जिससे जमीन मालिकों को अपनी जमीन साबित करने के लिए कोर्ट के बजाय ट्रिब्यूनल में जाना पड़ता है." इसके अलावा जावड़ेकर ने केरल में वक्फ बोर्ड की सहायता से एक गांव में 600 ईसाई परिवारों के घरों को कब्जे में लेने के मामले का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं के खिलाफ भाजपा सख्त कदम उठाने के पक्ष में है और वह प्रभावित परिवारों के समर्थन में खड़ी है.
वक्फ संशोधन से मुस्लिम समाज में असहमति
इस बीच तेलुगू देशम पार्टी (TDP) के उपाध्यक्ष नवाब जान उर्फ अमीर बाबू ने इस विधेयक को लेकर चिंता जताई है. उनका कहना है कि वक्फ संशोधन विधेयक मुस्लिम समुदाय के बीच असंतोष और दर्द पैदा कर रहा है. नवाब जान ने कहा "चंद्रबाबू नायडू के आग्रह पर ही इस बिल को लेकर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया गया था. ये बिल मुस्लिम समुदाय को प्रभावित करता है और हमें विश्वास है कि सभी पक्षों की राय सुनी जानी चाहिए." उन्होंने यह भी कहा कि यह बिल मुस्लिमों के दिलों में असुरक्षा और नाराजगी का कारण बन रहा है जिससे देशभर में इसके खिलाफ असंतोष बढ़ सकता है.
सभी पक्षों से राय-मशवरा की जरूरत
नवाब जान ने यह भी कहा कि इस बिल पर देशभर में राय-मशवरा किया जा रहा है और चंद्रबाबू नायडू चाहते हैं कि इस मुद्दे पर सभी समुदायों से सुझाव लिए जाएं. उनका मानना है कि इससे इस बिल को लेकर समझदारी बनी रहेगी और सभी पहलुओं पर विचार किया जाएगा. उन्होंने इस मुद्दे पर देशभर में एक सर्वे कराने की भी अपील की है ताकि यह बिल किसी एक पक्ष को नुकसान पहुंचाए बिना सभी के हित में हो.
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