उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है. बीजेपी एतिहासिक जीत के बाद सूबे में दोबारा सरकार बनाने जा रही है. इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत पर पैसे लेकर टिकट बांटने का आरोप लगा है, जिस पर उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया दी है.
उन्होंने कहा, पद और पार्टी टिकट बेचने का आरोप बेहद गंभीर है और अगर वह आरोप एक ऐसे शख्स पर लगाया जा रहा हो, जो पूर्व मुख्यमंत्री, पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष, महासचिव और कांग्रेस कार्यसमिति का सदस्य रहा है. जबकि आरोप लगाने वाला शख्स भी गंभीर पद पर है और उस शख्स की ओर से आरोप को एक बेहद अहम पद वाले शख्स और उसके समर्थकों की ओर से प्रचारित-प्रसारित करवाया जा रहा हो तो यह आरोप और भी गंभीर हो जाता है.
उन्होंने कहा कि यह आरोप मुझ पर लगाया गया है. मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि कांग्रेस पार्टी मेरे ऊपर लगे इस आरोप के मद्देनजर मुझे पार्टी से निष्कासित करे. होली बुराइयों के दमन के लिए उचित उत्सव है. होलिका दहन और हरीश रावत रूपी बुराई का भी इस होलिका में कांग्रेस को दहन कर देना चाहिए.
इससे पहले रविवार को हरीश रावत ने विधानसभा चुनाव में पार्टी को जीत न दिला पाने पर पीड़ा और शर्मिंदगी जताते हुए कहा कि वह पार्टी नेतृत्व की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर पाए जिन्होंने उन पर भरोसा जताया था. कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में भाग लेने के लिए दिल्ली रवाना होने से पहले अपनी फेसबुक पोस्ट में रावत ने कहा था कि उन्हें नहीं पता कि वह पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी का सामना कैसे करेंगे.
विधानसभा चुनाव परिणामों में कांग्रेस जहां 70 में से केवल 19 सीट तक सिमट गई, वहीं रावत खुद भी लालकुआं क्षेत्र से हार गए. प्रदेश में भाजपा 47 सीट पर विजय प्राप्त कर लगातार दूसरी बार सत्ता पर काबिज हुई है. 73 वर्षीय रावत ने लिखा, 'दिल्ली की ओर जाने की कल्पना मात्र से मेरे पांव मन-मन भर भारी हो जाएं, कैसे सोनिया जी की चेहरे की तरफ देखूंगा. कितना विश्वास था उनका मुझ पर.'
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