Afghanistan Taliban Crisis: अफगानिस्तान में तालिबानी शासन के बाद जहां एक तरफ वहां की स्थिति दिनोंदिन बिगड़ती जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ लोग खौफ के साए में जी रहे हैं. इस बीच, अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने संयुक्त राष्ट्र और वैश्विक नेताओं से मदद की गुहार लगाई है. सालेह ने कहा कि तालिबान ने पंजशीर तक पहुंचने का रास्ता रोक दिया है. विरोधी नेताओं में से एक अमरुल्ला सालेह ने पंजशीर से तुलु न्यूज़ के जरिए बोलते हुए कहा कि वह अभी भी वहां पर है और ऐसी रिपोर्ट्स है कि लगातार तेज लड़ाई चल रही है.


अमरुल्ला सालेह की यूएन से गुहार


सालेह ने कहा- तालिबानियों ने पंजशीर तक मानवीय पहुंच को रोक दिया है. यात्रियों से उसका नस्ल पूछते हैं. पंजशीर के सैन्य उम्र के पुरुषों को खदान में काम करवाया जाता है. उसके फोन, बिजली बंद कर देते हैं और दवा की भी अनुमति नहीं देते हैं. लोग कम मात्रा में ही नकदी ले जा सकते हैं.


उन्होंने कहा कि पिछले 23 वर्षों में आपातकालीन अस्पताल की शुरुआत के बाद से हमने कभी भी तालिबान को आने से नहीं रोका. तालिबानी अब युद्ध अपराध कर रहे हैं और IHL के लिए उनका कोई सम्मान नहीं है. हम संयुक्त राष्ट्र और विश्व के नेताओं से तालिबानों के इस स्पष्ट आपराधिक और आतंकवादी व्यवहार पर ध्यान देने का आह्वान करते हैं.


अफगानिस्तान में सरकार के गठन को एक दिन टाला गया


तालिबान के प्रवक्ता ज़बीउल्लाह मुजाहिद ने बताया कि अफगानिस्तान में नई सरकार के गठन को एक दिन के लिए टाल दिया गया है. सरकार के गठन से संबंधी घोषणा शुक्रवार को की जानी थी. मुजाहिद ने कहा कि नई सरकार के गठन की घोषणा अब शनिवार को की जाएगी. सूत्रों ने बताया कि कतर की राजधानी दोहा में स्थित तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के अध्यक्ष मुल्ला अब्दुल गनी बरादर तालिबान की सरकार के प्रमुख हो सकते हैं.






तालिबान के एक वरिष्ठ सदस्य ने बताया कि समूह, काबुल में ईरानी नेतृत्व की तर्ज पर सरकार गठन का ऐलान करने के लिए तैयार है जिसमें समूह के शीर्ष धार्मिक नेता मुल्ला हेबतुल्लाह अखुनजादा अफगानिस्तान में सर्वोच्च प्राधिकारी होंगे. अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे को दो सप्ताह से ज्यादा का समय हो गया है. तालिबान के सूचना एवं सांस्कृतिक आयोग में वरिष्ठ अधिकारी मुफ्ती इनामुल्लाह समांगनी ने कहा, “ नई सरकार पर सलाह-मशविरा करीब-करीब पूरा हो चुका है और कैबिनेट को लेकर भी जरूरी चर्चा कर ली गई है.


ईरान में, सर्वोच्च नेता देश का सर्वोच्च राजनीतिक और धार्मिक प्राधिकारी है. उसका दर्जा राष्ट्रपति से ऊंचा होता है और वह सेना, सरकार और न्यायपालिका के प्रमुखों की नियुक्ति करता है. सर्वोच्च नेता का देश के राजनीतिक, धार्मिक और सैन्य मामलों में निर्णय अंतिम होता है. उन्होंने कहा, “मुल्ला अखुनजादा सरकार के नेता होंगे और इस पर कोई सवाल नहीं होना चाहिए.” उन्होंने संकेत दिया कि राष्ट्रपति उनकी देखरेख में काम करेंगे. मुल्ला अखुनजादा तालिबान के शीर्ष धार्मिक नेता हैं और वह 15 साल तक बलूचिस्तान प्रांत के कछलाक इलाके में एक मस्जिद में कार्यरत रहे हैं.


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