तेलंगाना गवर्नर ने KTR के खिलाफ मुकदमा चलाने को दी मंजूरी, फॉर्मूला ई रेस घोटाले की जांच तेज
Formula E Race Scam: आरोप है कि तत्कालीन MAUD सचिव अरविंद कुमार ने केटीआर के मौखिक निर्देश पर यह ट्रांसफर किया, जो वित्तीय नियमों का उल्लंघन है.
Formula E Race Scam: तेलंगाना के गवर्नर जिष्णु देव वर्मा ने भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व मंत्री के.टी. रामा राव (केटीआर) के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है. यह मामला फरवरी 2023 में हैदराबाद में आयोजित फॉर्मूला ई रेस में 55 रुपये करोड़ के कथित वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ा है.
यह मंजूरी राज्य की एंटी-करप्शन ब्यूरो (एसीबी) के अनुरोध के बाद दी गई है. एसीबी ने आरोप लगाया है कि हैदराबाद मेट्रोपोलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (HMDA) के फंड को रेस के आयोजकों को बिना उचित मंजूरी के स्थानांतरित किया गया. आरोप है कि तत्कालीन MAUD सचिव अरविंद कुमार ने केटीआर के मौखिक निर्देश पर यह ट्रांसफर किया, जो वित्तीय नियमों का उल्लंघन है.
एसीबी को जांच शुरू करने के निर्देश
गवर्नर की मंजूरी के बाद, मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी की अध्यक्षता में 16 दिसंबर, 2024 को तेलंगाना कैबिनेट की बैठक हुई. इसमें मुख्य सचिव ए. शांति कुमारी को भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 17ए के तहत एसीबी को जांच शुरू करने के निर्देश दिए गए.
जैगुआर टीसीएस रेसिंग कंपनी को भेजा जा सकता है नोटिस
जांच के तहत अक्टूबर 2023 में हस्ताक्षरित एक दूसरे समझौते की भी जांच की जाएगी, जिसमें फरवरी 2024 में एक और फॉर्मूला ई रेस आयोजित करने का प्रस्ताव था. आरोप है कि इस समझौते में चुनाव आयोग और वित्त विभाग की मंजूरी को नजरअंदाज किया गया, जिससे आचार संहिता का उल्लंघन हुआ. रेस आयोजन से जुड़े ग्रीनको, महिंद्रा रेसिंग और जैगुआर टीसीएस रेसिंग जैसी कंपनियों को भी नोटिस भेजे जाने की संभावना है.
केटीआर से आरोपों को बताया राजनीति से प्रेरित
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए के. टी. रामा राव ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया और कानूनी तरीके से इनका सामना करने की बात कही. उन्होंने आरोपों की सत्यता पर सवाल उठाए हैं.
प्रदेश की राजनीति में आ सकता है बड़ा बदलाव
फॉर्मूला ई रेस घोटाला तेलंगाना की राजनीतिक पटल पर चर्चा का केंद्र बन गया है. कांग्रेस के नेतृत्व वाली वर्तमान सरकार इस मामले में पारदर्शिता और जवाबदेही पर जोर दे रही है. एसीबी की जांच तेज गति से आगे बढ़ने की उम्मीद है, जो राज्य की राजनीति में बड़े बदलाव ला सकती है.
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