दिग्विजय सिंह बोले- राम मंदिर का शिलान्यास हो चुका है, राजीव गांधी कर चुके हैं
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बयान पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि राम मंदिर का शिलान्यास हो चुका है, राजीव गांधी कर चुके हैं.
भोपाल: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने अयोध्या में राम मंदिर के शिलान्यस के मुहूर्त को लेकर सवाल उठाए हैं. उन्होंने 5 अगस्त को अशुभ मुहूर्त होने की बात कहते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिलान्यास को टालने की अपील की है.
साथ ही उन्होंने कहा कि राम मंदिर का शिलान्यास हो चुका है, राजीव गांधी कर चुके हैं. बता दें कि इससे पहले कमलनाथ ने कहा था कि राजीव गांधी ने मंदिर का ताला खोलना था.
दिग्विजय सिंह ने कहा, "भगवान राम करोड़ों हिंदुओं के आस्था के केंद्र हैं और हजारों वषों की हमारे धर्म की स्थापित मान्यताओं के साथ खिलवाड़ मत करिए. मैं मोदी जी से फि र अनुरोध करता हूं कि 5 अगस्त के अशुभ मुहुर्त को टाल दीजिए. सैंकड़ों वषों के संघर्ष के बाद भगवान राम मंदिर के निर्माण का योग आया है अपनी हठधर्मीता से इसमें विघ्न पड़ने से रोकिए."
कोरोनावायरस से बीजेपी के कई नेताओं के संक्र मित होने का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इन हालातों में क्या उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और भारत के प्रधानमंत्री को क्वारंटीन नहीं होना चाहिए? क्या क्वारंटीन में जाने की बाध्यता केवल आम जनता के लिए है? प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री के लिए नहीं है? क्वारंटीन की समय सीमा 14 दिवस की है.
पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने आगे कहा, "अब एक और प्रश्न उपस्थित होता है. उत्तर प्रदेश की मंत्री की कोरोना से मौत हो गयी. उत्तर प्रदेश के बीजेपी अध्यक्ष कोरोना पॉजिटिव, भारत के गृहमंत्री कोरोना पॉजिटिव. मोदी जी आप अशुभ मुहुर्त में भगवान राम मंदिर का शिलान्यास कर और कितने लोगों को अस्पताल भिजवाना चाहते हैं? योगी जी आप ही मोदी जी को समझाइए. आपके रहते हुए सनातन धर्म की सारी मर्यादाओं को क्यों तोड़ा जा रहा है? और आपकी क्या मजबूरी है जो आप यह सब होने दे रहे हैं?"
पूर्व मुख्यमंत्री ने शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती द्वारा पूर्व में दिए गए बयान का हवाला देते हुए कहा, "5 अगस्त को भगवान राम के मंदिर शिलान्यास के अशुभ मुहुर्त के बारे में विस्तार से जगद्गुरू स्वामी स्वरूपानंद महाराज ने सचेत किया था. मोदी जी की सुविधा पर यह अशुभ मुहुर्त निकाला गया. यानि मोदी जी हिंदू धर्म की हजारो वषों की स्थापित मान्यताओं से बड़े हैं!! क्या यही हिंदुत्व है?"