नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने एक ऐसे परिवार को गिरफ्तार किया है, जिसने दिल्ली मेट्रो द्वारा अधिग्रहण की गई संपत्ति पर एक नहीं बल्कि कई बैंकों से लोन लिया हुआ था. एक ही प्रॉपर्टी के कई दस्तावेज तैयार करवाए हुए थे, जिनकी मदद से अलग-अलग बैंकों से लोन लिया जाता था और फिर कुछ समय तक उसकी ईएमआई भरने के बाद लोन को चुकाने का सिलसिला बंद कर दिया जाता था.


इस परिवार ने लोन लेने के लिए भी एक नहीं बल्कि अनेक कंपनियां रजिस्टर कराई हुई थीं, जिनके नाम पर बैंकों में लोन के लिए आवेदन किया जाता था. पुलिस का दावा है कि इस परिवार ने अभी तक अलग-अलग बैंकों से 20 करोड़ रुपए से भी ज्यादा की रकम लोन के रूप में ली है. पुलिस ने इस मामले में अश्वनी अरोड़ा और विजय अरोड़ा के साथ साथ उनकी पत्नियों को भी गिरफ्तार किया है. विजय और अश्विनी भाई हैं.


क्या है मामला?
आर्थिक अपराध शाखा के सयुंक्त आयुक्त ओपी मिश्रा ने बताया कि दिल्ली के नारायणा इंडस्ट्रियल एरिया के फेज 1 स्थित पंजाब एंड सिंध बैंक के जोनल मैनेजर की तरफ से आर्थिक अपराध शाखा के पास शिकायत की गई कि मैसर्स रिया इंटरप्राइजेज की तरफ से प्रॉपर्टी पर लोन लिया गया है. इसके साथ ही कुंज अलमुनिम और माधव इंटरप्राइजेज की तरफ से भी प्रॉपर्टी को गिरवी रख कर लोन लिया गया. इन लोगों ने शुरुआत में लोन की किश्त भरी लेकिन बाद में किश्त भरना बन्द कर दिया. जिसके बाद जांच की तो पता चला कि जिन प्रॉपर्टी पर लोन लिया गया है, उनका दिल्ली मेट्रो अधिग्रहण कर चुकी है. इतना ही नहीं आगे जांच में पता चला कि इन लोगों ने एक-एक प्रॉपर्टी पर अलग-अलग बैंकों से लोन लिया हुआ है. पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की.


कैसे करते थे ठगी
संयुक्त आयुक्त ओपी मिश्रा का कहना है कि ये आरोपी बेहद ही शातिर हैं. ये लोग एक ही प्रॉपर्टी के दस्तावेजों के कई सेट तैयार करवाते थे. उन्हें अलग-अलग बैंकों में लोन के लिए इस्तेमाल करते थे. इतना ही नहीं अलग-अलग दस्तावेज तैयार कराने के लिए अलग-अलग पहचान का भी सहारा लेते या फिर अपने ही किसी परिचित के नाम पर प्रॉपर्टी के कागज बनवाते. साथ ही नई-नई फर्म भी रजिस्टर्ड करवाते और उनकी बदौलत लोन लेते थे. पुलिस जांच में पता चला कि इन लोगों ने पीएनबी, बैंक ऑफ बड़ौदा और कैनरा बैंक आदि से भी लोन लिया है.


गिरफ्तारी से बचने के लिए घर से बाहर रह रहे थे आरोपी
पुलिस का कहना है कि आरोपी अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए अपने घर पर नहीं रह रहे थे. ये लोग अपने घर को छोड़कर दूसरी जगह पर रह रहे थे. इन लोगों को गाजियाबाद और दिल्ली में अलग-अलग ठिकानों से गिरफ्तार किया गया है.


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