पुणे: पुणे ग्रामीण पुलिस ने बारामती इलाके में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया है. एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि इंजेक्शन की तीन शीशियों पर रेमडेसिविर का लेबल लगाया गया है, लेकिन वास्तव में उसमें तरल रूप में पेरासिटामोल के अलावा कुछ भी नहीं था.


उल्लेखनीय है कि रेमडेसिविर कोविड-19 के उपचार के लिए उपयोग की जाती है. आरोपी नकली दवा 35000 रुपये प्रति शीशी बेच रहे थे, जबकि इसकी अधिकृत बाजार कीमत लगभग 1100 रुपये है. बारामती मंडल के पुलिस उपाधीक्षक नारायण शिरगांवकर ने कहा, 'हमने चार लोगों को आईपीसी, आवश्यक वस्तु अधिनियम, औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम और औषधि (मूल्य नियंत्रण) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत गिरफ्तार किया है.'


आरोपी गिरफ्तार


शिरगांवकर ने कहा कि रेमडेसिविर की कालाबाजारी के बारे में सूचना मिलने के बाद उसे पकड़ने के लिए एक ग्राहक को भेजा गया और उसे बेचने वाले दो व्यक्तियों को बारामती एमआईडीसी क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया. उनकी पहचान प्रशांत घरात और शंकर भिसे के रूप में की गई. उनसे पूछताछ के बाद दिलीप गायकवाड़ और संदीप गायकवाड़ की गिरफ्तारी हुई.


शिरगांवकर ने कहा कि आरोपी व्यक्तियों के कब्जे से तीन नकली रेमडेसिविर की शीशियां जब्त की गईं. उन्होंने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है. गौरतलब है कि कोविड-19 के मामले बढ़ने के कारण रेमडेसिविर दवा की मांग इन दिनों काफी बढ़ गई है.