क्या इन चार गलतियों की वजह से गुजरात चुनाव हार सकती है कांग्रेस?
यही वो वक्त था जब गुजरात के चुनावों में मंदिर मंदिर घूमकर बीजेपी के हिंदुत्व वोटबैंक में सेंध लगाने की कोशिश कर रहे राहुल गांधी को घेरने का मौका बीजेपी को मिला.
नई दिल्ली: रोज रंग बदलती गुजरात की राजनीति में पूरा देश दिलचस्पी ले रहा है. इस सियासी संग्राम में देश के दोनों बड़े राजनीतिक दल अपने तरकश से हर वो तीर छोड़े जिससे विपक्षी धड़े को चित किया जा सके. इस विधानसभा चुनाव में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बीच आरोप-प्रत्यारोप ने सियासी सरगर्मी बढ़ा दी. वहीं, लोकतंत्र की सबसे ताकतवर ईकाई माने जाने वाली 'जनता' इस पूरे राजनीति द्वंद पर गहरी नजर बनाए रखी. ये चुनाव खुद पीएम नरेंद्र मोदी के लिए बेहद खास है. इन चुनावों के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने दिन रात एक कर दिया था. एक्टिज पोल के जो नतीजे सामने आ रहे हैं उन्हें देखकर लगता है कि रैली, रोड शो और अपने भावनात्मक भाषणों के जरिए पीएम मोदी गुजरात की जनता का दिल फिर से जीतने में कामयाब हो गये हैं.
पीएम मोदी ने गुजरात के मतदाताओं का मन जीतने के लिए कुल 36 रैलियां कीं. एबीपी न्यूज और सीएसडीएस के एक्सिट पोल से लग रहा है कि पीएम मोदी के धुंआधार प्रचार ने चुनाव के नतीजों को अपने पक्ष में कर लिया.
मोदी ने 11 दिनों के भीतर हर दिन चार-चार रैलियां करके, यूपी से ज्यादा प्रचार की आंधी गुजरात में दिखाकर, कांग्रेस की गलतियों पर आगे बढ़ बयानों पर जोरदार हमले करके, नोटबंदी, जीएसटी, पाटीदार, दलित हर मुद्दे पर आक्रामक खेलकर गुजरात की सत्ता को एक बार फिर बीजेपी के झोली में डाल दिया.
एबीपी न्यूज- सीएसडीएस के गुजरात एग्जिट पोल से जिसके मुताबिक गुजरात की 182 सीटों के चुनाव में बीजेपी 117 सीटों के साथ फिर सरकार बनाती दिख रही है. पूरी ताकत झोंकने के बाद भी कांग्रेस को गुजरात में नरेंद्र मोदी के आगे 64 सीट ही मिलने का अनुमान जताया जा रहा है. एक सीट अन्य को मिल सकती है. एग्जिट पोल: गुजरात में बीजेपी बना रही है बहुमत की सरकार, 182 में से 117 सीटें जीतने का अनुमान.. पूरी डिटेल एग्जिट पोल की कॉपी यहां पढ़ें
गुजरात के तीन लड़के, अल्पेश, जिग्नेश और हार्दिक के जोरदार समर्थन के बावजूद भी कांग्रेस से ऐसी क्या चूक हुई कि उसका सत्ता वापसी का सपना चकनाचूर होता नजर आ रहा है. 27 नवंबर से पहले गुजरात के चुनाव में राहुल गांधी, हार्दिक पटेल, जिग्नेश मेवाणी, अल्पेश ठाकोर ये चार चेहरे ऐसे घूम रहे थे, जिनके आगे गुजरात के चुनावी समर में लग रहा था कि इस बार बीजेपी के लिए मैदान आसान नहीं. लेकिन 27 नवंबर से 14 दिसंबर के बीच 36 चुनावी रैलियां करके, जल थल नभ से चुनावी माहौल बना के, 30,557 किमी लंबी चुनावी यात्रा करके, कांग्रेस का पूरा गणित लगता है प्रधानमंत्री ने फेल कर दिया. गुजरात के हर हिस्से में एग्जिट पोल के मुताबिक मोदी का जादू चलता नजर आ रहा है. गुजरात के हर हिस्से में बीजेपी कांग्रेस से करीब करीब दो दोगुनी सीट पाती दिख रही है.
अब समझिए ये संभव कैसे हुआ? राहुल गांधी जीएसटी, नोटबंदी और पाटीदार के मुद्दे पर बीजेपी को घेर रहे थे. हार्दिक, जिग्नेश, अल्पेश पाटीदार, पिछ़ड़ों के मुद्दे पर बीजेपी के लिए मुसीबत बन रहे थे. लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने पहले चरण की वोटिंग से 5 दिन पहले हवा बदलनी शुरु कर दी. यही वो वक्त था जब गुजरात के चुनावों में मंदिर मंदिर घूमकर बीजेपी के हिंदुत्व वोटबैंक में सेंध लगाने की कोशिश कर रहे राहुल गांधी को घेरने का मौका बीजेपी को मिला. चुनाव प्रचार के लिए गुजरात में डटे राहुल गांधी आज अहमद पटेल के साथ सोमनाथ मंदिर में पूजा औऱ दर्शन करने पहुंचे. यहां पर मंदिर के सुरक्षा विभाग के रजिस्टर में दोनों के नाम की एंट्री दर्ज हुई. ये एंट्री कांग्रेस के मीडिया कोऑर्डिनेटर मनोज त्यागी ने की. हालांकि रजिस्टर में राहुल गांधी के दस्तखत नहीं हैं. लेकिन नाम दर्ज होने के कारण अब विवाद हो गया है. यहां यह भी जानना जरूरी है सोमनाथ मंदिर में गैर हिंदुओं को प्रवेश के लिए सुरक्षा विभाग में जाकर रजिस्टर में नाम दर्ज करवाना पड़ता है, जबकि हिंदुओं के लिए ऐसा कोई नियम नहीं है. सोमनाथ मंदिर विवाद ने कांग्रेस को बैकफुट पर ला दिया.. पूरा विवाद यहां पढ़ें
कपिल सिब्बल के जरिए राम मंदिर मुद्दा उछला
राहुल गांधी को हिंदू-गैर हिंदू-जनेऊधारी हिंदू के मुद्दे पर बीजेपी ने घेर दिया. इसके बाद राम मंदिर के मसले पर कपिल सिब्बल का वकील के तौर पर अदालत में सुनवाई टालने की दलील देना बीजेपी के लिए चुनावी कार्ड बन गया. इस मुद्दे पर भी कांग्रेस को बैकफुट पर आना पड़ा. पूरी डिटेल कॉपी यहां पढ़ें
मणिशंकर का नीच बोलना कांग्रेस को भारी पड़ गया विकास के मुद्दे पर चुनाव के पहले राउंड में आरोप-प्रत्यारोप चल रहा था लेकिन जैसे जैसे चुनाव में सरगर्मी बढी, चुनाव में प्रचार ही भटक गया. मणिशंकर अय्यर के बयान के बाद बाद हर चुनावी रैली में प्रधानमंत्री मोदी कांग्रेस के नेताओं की तरफ से दी गई गालियों का इतिहास खंगाल कर जनता को वर्तमान में याद दिलाकर गुजरात की सत्ता का भविष्य बीजेपी को दिलाने में जुट गए. एग्जिट पोल यदि वास्तविक आंकड़ों में बदलते हैं तो यह गालियों का विवाद कांग्रेस को भारी पड़ जाएगा. यहां पूरा गाली कांड से जुड़ा विवाद पढ़िए
पाक कनेक्शन गुजरात के बनासकांठा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि अहमद पटेल को गुजरात का सीएम बनाने के लिए मणिशंकर अय्यर के घर पाक के पूर्व विदश मंत्री के साथ कांग्रेस नेताओं की बैठक हुई थी. ये मामला तब शुरु हुआ जब बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्विटर पर लिखा, क्या पाकिस्तान के उच्चायुक्त के साथ मणिशंकर अय्यर और कांग्रेस के तीन नेताओं की मणिशंकर के घर पांच दिन पहले जो बैठक हुई उसमें गुजरात की रणनीति बनाई गई थी ? क्या वहां तख्ता पलट की रणनीति बनी? पीएम मोदी ने मणिशंकर अय्यर के पूराने बयान को निकालते हुए पूछा भी था कि क्या वो पाकिस्तान उनकी सुपारी देने गये थे? पूरी डिटेल यहां पढ़ें