जयपुर: अक्षयपात्र फाउंडेशन की ओर से आयोजित गीता ज्ञान की अलग-अलग प्रतियोगिताओं में चार मुस्लिम छात्रों ने पुरस्कार जीते. राजस्थान के शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने गुरुवार के दिन विजेताओं को पुरस्कार दिया. फाउंडेशन की ओर से घोषित परिणामों में एक मजदूर के बेटे और कक्षा 10 वीं के छात्र नदीम खान ने लेखन प्रतियोगिता में पहला स्थान प्राप्त किया जबकि जूनियर कक्षा के छात्र माजिद खान, जाहीन नकवी और जोरबिया नागौरी ने गीता श्लोक उच्चारण प्रतियोगिता में अलग-अलग स्थान प्राप्त किया.


संस्कृत श्लोकों के गायन की जूनियर प्रतियोगिता में तीसरा स्थान प्राप्त किया

लेखन में प्रथम पुरस्कार विजेता नदीम के पिता अश्फाख खान ने बताया कि मेरे बेटे को संस्कृत में बहुत रूचि है और वह पढ़ता रहता है. नदीम चार बच्चों में सबसे छोटा है और पढाई में रूचि होने के कारण स्कूल जाता है. नदीम वैज्ञानिक बनना चाहता है. 16 साल के नदीम जयपुर के सरकारी विद्यालय का छात्र है और कानौता क्षेत्र के पास झुग्गी बस्ती में रहता है. जाहीन नकवी कक्षा दो का छात्र है जबकि उसकी चचेरी बहन जोराबिया नकवी कक्षा पांचवी की छात्रा है. दोनों ने गीता के संस्कृत श्लोकों के गायन की जूनियर प्रतियोगिता में तीसरा स्थान प्राप्त किया है.

प्रतियोगिताओं में लगभग 80 हजार स्कूली छात्र-छात्राओं ने भाग लिया

वहीं कक्षा 8 के छात्र माजिद खान ने एक दूसरे ग्रुप में संस्कृत गीता श्लोक गायन प्रतियोगिता में तीसरा स्थान प्राप्त किया है. जयपुर जिले में पिछले माह आयोजित प्रतियोगिताओं में लगभग 80 हजार स्कूली छात्र-छात्राओं ने भाग लिया था. पुरस्कार वितरण समारोह में शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि गीता जीवन जीना सीखाती है. यह जीवन जीने का मंत्र है. उन्होंने कहा कि आधुनिक युग की समस्याओं का निदान कहीं है तो वह गीता के दर्शन में हैं. उन्होंने इसे सभी धर्मों, वर्गों के लिए समान रूप से उपयोगी बताया तथा कहा कि भगवद्गीता को राज्य के 13 हजार 500 विद्यालयों में रखवाया गया है.