गुवाहाटी: गुवाहाटी के सुकलेश्वर घाट इलाके में शनिवार को एक विस्फोट हुआ जिसमें चार लोग घायल हो गए. आतंकी संगठन उल्फा ने इसकी जिम्मेदारी लेते हुए कहा है कि यह असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्ट्रेशन (एनआरसी) को अपडेट करने के खिलाफ उसके विरोध का इजहार था.
असम के पुलिस महानिदेशक कुलाधर सैकिया के मुताबिक, दोपहर के तकरीबन पौने 12 बजे पान बाजार इलाके में निर्माण सामग्री के ढेर में एक विस्फोट हुआ जिससे चार राहगीर घायल हो गए. घायलों में एक महिला भी शामिल है.
सैकिया ने कहा, "बहुत तरह के विस्फोटक मशीन हैं और कुछ में स्विच होते हैं. जांच के बाद ही यह पता चलेगा कि क्या कोई आतंकवादी संगठन इसमें शामिल है." घायलों की पहचान कल्प ज्योति तालुकदार, शंकु कुमार दास, तायफुद्दीन अहमद और बिनिता दास के रूप में की गई है. ये भी बताया कि उन्हें हल्की चोटें आई हैं. उनका ट्रीटमेंट पास के ही महेन्द्र मोहन चौधरी सिविल अस्पताल में किया जा रहा है.
इस बीच उल्फा (स्वतंत्र) के परेश बरूआ ने स्थानीय टीवी चैनलों को फोन कर दावा किया कि यह विस्फोट नागरिकता (संशोधन) विधेयक और एनआरसी को अपडेट करने पर विरोध जताने के लिए किया गया है. बरूआ ने आरोप लगाया कि एनआरसी का उपयोग गैर-असमी लोगों को राज्य में बसाने के लिए किया जाएगा.
क्या है एनआरसी?
असम से जुड़ा नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) वो दस्तावेज है जिसमें असम के सभी असली नागरिकों का रिकॉर्ड है. इसका सबसे ताजा आंकड़ा 30 जुलाई 2018 को पब्लिश किया गया था. एनआरसी को नागरिकता से जुड़े 2003 के नियम (नागरिकों का पंजीकरण और उनको पहचान पत्र जारी किया जाना) के तहत अपडेट किया गया था.
साल 2015 में 3.29 करोड़ लोगों ने 6.63 करोड़ दस्तावेजों के साथ एनआरसी में अपना नाम शामिल करवाने के लिए आवेदन किया था. इनमें से 2.89 करोड़ को नागरिकता दी गई है. वहीं, 40 लाख के करीब लोग इसमें अपना नाम शामिल नहीं करवा पाए थे.
इस लिस्ट की बड़ी बात ये है कि ये राज्य के हर नागरिक तक पहुंचा है. वहीं इसके सहारे सरकार को ये पता चला है कि कौन भारत का नागरिक है और कौन अवैध तरीके से भारत में रह रहा है. ये सारी प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में पूरी की गई है. देश का सबसे बड़ा कोर्ट लगातार इसकी मॉनिटरिंग करता रहा है.