नई दिल्ली: भारत में चार जगहों को इस साल विश्व धरोहर सिंचाई संरचना (WHIS) का सम्मान हासिल हुआ है. इनमें आंध्र प्रदेश की तीन और महाराष्ट्र की एक जगह शामिल हैं. वहीं इससे पहले साल 2018 में तेलंगाना की दो जगह WHIS में नामित हो चुकी हैं. इस पर सीडब्ल्यूसी के निदेशक का कहना है कि यह भारत के लिए एक प्रतिष्ठित क्षण है.
इस साल आंध्र प्रदेश में कुंबुम टैंक, कुर्नूल-कुडापाह नहर, पोरुममिल्ला टैंक (अनंतराजा सागरम) और महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में 490 साल पुरानी धामपुर झील को विश्व धरोहर सिंचाई संरचना का तमगा मिला है. वहीं इससे पहले साल 2018 में तेलंगाना की दो जगह इसमें शामिल हुई थीं. इनमें कामरेड्डी जिले में पेद्दा चेरू टैंक और निर्मल जिले में सदरमट एनीकट को WHIS जगहों के रूप में नामित किया गया था.
ICID देता है मान्यता
बता दें कि सिंचाई, जल निकासी और बाढ़ प्रबंधन विशेषज्ञों का एक वैश्विक नेटवर्क, सिंचाई और जल निकासी पर अंतर्राष्ट्रीय आयोग (ICID) हर साल यूनेस्को के जरिए मान्यता प्राप्त विश्व धरोहर स्थलों की तर्ज पर अंतर्राष्ट्रीय महत्व की सिंचाई संरचनाओं को मान्यता देता है.
भारत के लिए एक प्रतिष्ठित क्षण
वहीं केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के निदेशक ऋषि श्रीवास्तव ने कहा कि उन्हें इस महीने की शुरुआत में इस घोषणा के बारे में सूचित किया गया था. यह भारत के लिए एक प्रतिष्ठित क्षण है क्योंकि ये संरचनाएं अब अंतर्राष्ट्रीय महत्व की हैं. इन संरचनाएं को जब बनाया गया था, तब वे अपनी तकनीक के मामले में बहुत आगे थीं. वहीं राज्य सरकारों को उन्हें बनाए रखने के लिए अधिक प्रोत्साहन और प्रेरणा मिलेगी.
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