Foxconn-Vedanta Deal News: ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माता फॉक्सकॉन (Foxconn) ने वेदांता (Vedanta) के साथ सेमीकंडक्टर डील खत्म कर दी है. फॉक्सकॉन ने प्रस्तावित सेमीकंडक्टर विनिर्माण संयुक्त उद्यम (Joint Venture) से सोमवार (10 जुलाई) को अलग होने की घोषणा की है. इस ऐलान के बाद केंद्र ने कहा है कि इस फैसले से भारत के सेमीकंडक्टर (Semiconductor) कार्यक्रम पर कोई असर नहीं पड़ेगा. जबकि कांग्रेस (Congress) ने केंद्र सरकार पर तंज कसा है. जानिए इस मामले से जुड़ी बड़ी बातें. 


1. ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी फॉक्सकॉन ने उद्योगपति अनिल अग्रवाल की वेदांता के साथ ज्वाइंट वेंचर से खुद को अलग करने का ऐलान किया. इस उद्यम को गुजरात में 19.5 अरब डॉलर (लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये) के निवेश से सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाना था. 


2. मोबाइल फोन से लेकर रेफ्रिजरेटर और कारों तक में इस्तेमाल होने वाले चिप बनाने के लिए टेक्नोलॉजी पार्टनर न मिल पाने से इस उद्यम के लिए चुनौतियां बढ़ गई थीं. फॉक्सकॉन और वेदांता दोनों के पास चिप बनाने का कोई पूर्व अनुभव या तकनीक नहीं है. उनसे यह अपेक्षा की गई थी कि वे इसे एक टेक्नोलॉजी पार्टनर से प्राप्त करेंगे.


3. फॉक्सकॉन ने कहा कि उसने वेदांता के साथ ज्वाइंट वेंचर पर आगे न बढ़ने का फैसला किया है. अब ये उद्यम अकेले वेदांता का है. इस पर वेदांता ने कहा कि वह सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और भारत के पहले सेमीकंडक्टर संयंत्र की स्थापना के लिए कुछ साझेदारों के संपर्क में है. हालांकि वेदांता ने अपने नए साझेदारों का कोई ब्योरा नहीं दिया. 


4. फॉक्सकॉन की घोषणा के बाद इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण कंपनी फॉक्सकॉन और खनन क्षेत्र की प्रमुख वेदांता देश के सेमीकंडक्टर मिशन और मेक-इन-इंडिया कार्यक्रम के लिए प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने एनडीटीवी से कहा कि फॉक्सकॉन के इस वेंचर के छोड़ने से भारत के सेमीकंडक्टर कार्यक्रम पर कोई असर नहीं पड़ेगा.


5. वेदांता और फॉक्सकॉन ने गुजरात में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले उत्पादन संयंत्र स्थापित करने के लिए 19.5 बिलियन डॉलर का निवेश करने के लिए सितंबर 2022 में समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. इस साल मई में इस संयुक्त उद्यम को कोई टेक्नोलॉजी पार्टनर न मिल पाने से चुनौतियां बढ़ने की सूचना मिली थी. 


6. यूरोप की चिप विनिर्माता एसटीमाइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स को इस संयुक्त उद्यम से प्रौद्योगिकी साझेदार के तौर पर जोड़ने के लिए बातचीत चल रही थी, लेकिन इस दिशा में कोई सहमति नहीं बन पाई. सरकार भारत को सेमीकंडक्टर विनिर्माण का एक नया केंद्र बनाने की कोशिश में लगी है. इसके लिए सरकार ने एक प्रोत्साहन योजना भी शुरू की है.


7. इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ट्वीट किया कि वेदांता के साथ अपने संयुक्त उद्यम से हटने के फॉक्सकॉन के फैसले का भारत के सेमीकंडक्टर कार्यक्रम के लक्ष्यों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. 


8. राजीव चंद्रशेखर ने आगे कहा कि फॉक्सकॉन और वेदांता दोनों का भारत में महत्वपूर्ण निवेश है और वे मूल्यवान निवेशक हैं जो रोजगार और विकास पैदा कर रहे हैं. ये तो पहले से पता था कि दोनों कंपनियों के पास कोई पूर्व सेमीकंडक्टर अनुभव या तकनीक नहीं थी और उनसे टेक पार्टनर से फैब तकनीक प्राप्त करने की अपेक्षा की गई थी. उन्होंने 28 एनएम फैब के लिए एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया था, वे उस प्रस्ताव के लिए उपयुक्त टेक पार्टनर नहीं जुटा सके.


9. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी की ओर से मंजूरी मिलने के बाद सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को लेकर भारत की रणनीति में 18 महीनों में तेजी से प्रगति देखी गई है. जो लोग फॉक्सकॉन और वेदांता के इस फैसले को भारत की सेमीकॉन महत्वाकांक्षा के लिए झटका बता रहे हैं, उनके लिए मैं केवल इतना ही कह सकता हूं कि पीएम मोदी के नेतृत्व में हो रहे कामों पर भारत के खिलाफ दांव लगाना एक बुरा विचार है.


10. इस मामले को लेकर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि तो फॉक्सकॉन-वेदांता बंद हो गया है, लेकिन ऐसा लगता है कि माइक्रोन अभी भी सेमीकंडक्टर चिप असेंबली, पैकेजिंग और परीक्षण पर काम कर रहा है. हालांकि माइक्रोन 2.75 बिलियन डॉलर में से केवल 30% लगा रहा है, जिसमें 50% केंद्र से और 20% गुजरात सरकार से आ रहा है. किसी भी मानक से ये किसी अमेरिकी कंपनी को दी जाने वाली बहुत बड़ी सब्सिडी प्रतीत होती है. 


(इनपुट पीटीआई से भी)


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