Rafale Fighter Jet: फ्रांस की फाइटर जेट्स बनाने वाली कंपनी डसॉल्ट भारतीय वायुसेना के लड़ाकू जेट राफेल और मिराज 2000 के राखरखाव के लिए नोएडा में अपनी यूनिट शुरू करने जा रही है. भारतीय वायु सेना में 1980 के दशक में लगभग 20 मिराज-2000 और पिछले कुछ सालों में 36 राफेल फाइटर प्लेन को शामिल किया गया है.


एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक रक्षा अधिकारियों ने कहा, "फ्रांसीसी कंपनी ने हाल ही में रक्षा मंत्रालय और भारतीय वायुसेना को भारत में फाइटर प्लेन के रखरखाव, मरम्मत में सहायता के लिए एक नई भारतीय कंपनी डसॉल्ट एविएशन मेंटेनेंस रिपेयर एंड ओवरहाल इंडिया (DAMROI) की स्थापना के बारे में सूचित किया है."


फ्रांस-भारत दोनों देश के होंगे कार्मचारी


रिपोर्ट के अनुसार कंपनी छह महीने के भीतर अपना काम शुरू कर धीरे-धीरे गतिविधियों में तेजी लाएगी. रक्षा अधिकारी के मुताबिक आत्मनिर्भर भारत के तहत डसॉल्ट नई एमआरओ कंपनी स्थापित कर रही है. कंपनी ने रक्षा मंत्रालय को सूचित किया है कि इस कंपनी में एक भारतीय नागरिक होगा और भारत में डसॉल्ट के पुराने प्रतिनिधि पेसिना वेंकट राव इसके मुख्य कार्यकारी अधिकारी होंगे. वेंकट रव कई सालों से भारत में डसॉल्ट एविएशन से जुड़े रहे हैं. उनकी टीम में फ्रांस और भारतीय दोनों देशों के कर्मचारी होंगे.


डसॉल्ट भारतीय एयरोनॉटिकल इंडस्ट्रियल इकोसिस्टम के सहयोग से डीएएमआरओआई में एमआरओ गतिविधियों को बढ़ाने की योजना बना रहा है, जिससे फ्रांस के फाइटर प्लेन का दायरा बढ़ेगा. जगुआर डीप पेनेट्रेशन फाइटर जेट्स जो भारत में अपने ऑपरेशन के आखिरी चरण में हैं, उन्हें भी एमआरओ की ओर से सहायता दी जा सकती है, क्योंकि उसका भी फ्रांस से कनेक्शन है.


भारतीय नौसेना के लिए भी विमान खरीदेने का प्लान


डसॉल्ट भारतीय नौसेना के साथ अपने राफेल मरीन जेट्स को बेचने के लिए सौदे पर बातचीत कर रहा है. इनमें 26 विमानों को भारतीय नौसेना के लिए खरीदने की योजना है, जिसकी तैनाती एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत पर होगी. भारतीय वायु सेना ने अंबाला और हाशिमारा में राफेल लड़ाकू विमानों के लिए दो बेस भी तैयार किए हैं.


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