France Detects New Mpox Variant: चीन, मलेशिया, सिंगापुर, हांगकांग में HMPV संक्रमण के मामले हर रहे हैं. दूसरी ओर अमेरिका में रैबिट फीवर के भी कई मामले सामने आ रहे हैं. दुनिया इन वायरस संक्रमण को लेकर अभी एहतियात ही बरत ही रही थी कि फ्रांस में एमपॉक्स वायरस का नया वैरिएंट आ धमका है.  फ्रांस में नए एमपॉक्स वायरस का पहला मामला सामने आया है. ये वायरस वैसे तो 70 के दशक में आया था लेकिन साल 2022 में इसका प्रसार फिर से बढ़ गया था.


देश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार (6 जनवरी 2025) को कहा, "विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से महामारी के बीच उच्चतम अलर्ट स्तर बनाए रखने के कुछ सप्ताह बाद पश्चिमी ब्रिटनी क्षेत्र में क्लेड 1बी वैरिएंट के एक मामले की पुष्टि हुई है और इसकी स्क्रीनिंग और उपायों को लागू किया जा रहा है.


कांगो और अफ्रीकी देशों में महामारी है ये वायरस


पिछले साल अफ्रीकी देशों में ये वायरस खूब फैला था. तब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे महामारी घोषित कर दिया था. मंकी पॉक्स के मामले डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में आम हैं. इन क्षेत्रों में हर साल हजारों मामले सामने आते हैं और सैकड़ो लोगों की जान चली जाती है. इससे 15 साल से कम उम्र के बच्चे सबसे ज़्यादा प्रभावित होते हैं. वायरस के दो स्ट्रेन मुख्त तौर पर फैल रहे हैं. 'क्लेड-I' मध्य अफ़्रीका में एंडेमिक (स्थानिक) है. वहीं, इस बार फैले मंकी पॉक्स का 'क्लेड Ib' नया और अधिक संक्रामक है. अब यहीं स्ट्रेन फ्रांस में आ चुका है.


क्या है एमपॉक्स वायरस?


एमपॉक्स, जिसे पहले मंकीपॉक्स के नाम से जाना जाता था और चेचक से संबंधित है, संक्रमित जानवरों द्वारा मनुष्यों में फैलने वाले वायरस के कारण होता है, लेकिन निकट शारीरिक संपर्क के माध्यम से भी यह एक इंसान से दूसरे इंसान में फैल सकता है. इससे बुखार, मांसपेशियों में दर्द और त्वचा पर बड़े फोड़े जैसे घाव हो जाते हैं और यह जानलेवा हो सकता है.


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