Defence Deal News: फ्रांस (France) की एक बड़ी कंपनी जल्द ही भारत (India) में विमानों के इंजन बनाने के लिए भारत आने वाली है. इस बात का खुलासा खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने किया है. शनिवार को फिक्की (FICCI) के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि एक दिन पहले ही भारत आई फ्रांस की रक्षा मंत्री ने इस बात की तस्दीक की है.
फिक्की के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत ने रूस (Russia) हो या अमेरिका (America) या फिर फ्रांस (France) सभी देशों को दो टूक कह दिया है कि भारत अब हथियार आयात नहीं करेगा, बल्कि खुद भारत में ही तैयार करेगा. इसके लिए अगर कोई विदेशी कंपनी चाहती है तो भारत की किसी कंपनी के साथ साझेदारी कर सकती है या फिर खुद यहां आकर हथियारों का प्लांट लगा सकती है.
रक्षा मंत्री ने कहा कि माना जाता है कि अमेरिका उसी देश को अपना मित्र मानता है जो उससे हथियार खरीदता है. लेकिन अब अमेरिका भी भारत की बात मानने के लिए तैयार हो गया है. यहां तक कि रूस के साथ मिलकर भारत अब अमेठी में छह लाख राइफल बनाने जा रहा है. रूस के साथ हुए एके203 राइफल्स का ये कुल करार पांच हजार करोड़ का है. इसी कड़ी में रक्षा मंत्री ने बताया कि शुक्रवार को जब फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पारले भारत के दौरे पर आई थीं और उनसे मुलाकात की थी तो उन्होंने इस बात की तस्दीक की थी कि एक बड़ी फ्रेंच कंपनी भारत में एयरोस्पेस इंजन भारत में निर्माण के लिए तैयार हो गई है.
गौरतलब है कि भारत भले ही स्वदेशी फाइटर जेट, एलसीए तेजस बना रहा है लेकिन अभी भी स्वदेशी एयरक्राफ्ट इंजन नहीं बना पाया है. वर्ष 2019 में जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रफाल लड़ाकू विमानों की पहली खेप लेने फ्रांस गए तो उस दौरान पेरिस के करीब साफरान नाम की एक कंपनी के प्लांट में भी गए थे जो दुनियाभर में एयरोस्पेस इंजन निर्माण के लिए जानी जाती है.
शुक्रवार (17 दिसम्बर) को जब फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पारले दिल्ली आई थीं तो भारत को अतिरिक्त रफाल लड़ाकू विमान देने की पेशकश की थी. उस दौरान राजनाथ सिंह ने साफ कहा था कि जो भी हथियार और दूसरे सैन्य साजो सामान बनाने वाली कंपनियां हैं वे भारत में ही आकर निर्माण कर सकती हैं.
फिक्की के संबोधन में रक्षा मंत्री ने दुनियाभर की हथियार बनाने वाली कंपनियों का आहवान करते हुए कहा कि, कम मेक इन इंडिया, कम मेक फोर इंडिया, कम मेक फोर द वर्ल्ड. राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारा विजन भारत को डिफेंस सेक्टर में ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना है. उन्होंने बताया कि इस समय भारत का डिफेंस और एयरोस्पेस मैन्यफैक्चरिंग का बाजार करीब 85 हजार करोड़ का है और वर्ष 2022 तक एक लाख करोड़ तक पहुंच सकता है. उन्होंने विश्वास जताया कि 2024-25 तक भारत का 35 हजार करोड़ का निर्यात लक्ष्य पूरा हो जाएगा.
फिक्की के कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान और चीन पर भी चुटकी ली. उन्होंने कहा कि हमारे पड़ोस में एक पाक-नापाक पड़ोसी है जो पैदा होने के बाद से ही भारत की प्रगति देखकर चिंता में दुबला होता जा रहा है. हमारे पश्चिमी सीमा पर जो पड़ोसी है उसके लिए वो कहावत बिल्कुल सटीक बैठती है कि पड़ोसी अपने गम से कम बल्कि पड़ोसी के सुख से ज्यादा दुखी रहता है. चीन पर अपरोक्ष हमला बोलते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे एक पड़ोसी दिन-रात नए-नए प्रपंच रचता रहता है.