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अरुण जेटली के लेटर हेड पर 20 करोड़ की ठगी, मामला दर्ज
तीसरे लेटर के बाद से तारक के मन में कुछ खटका हुआ, जिसके बाद उसने वित्तमंत्री के ओएसडी पारस सांखला (आईआरएस) को ईमेल के जरिये संपर्क किया.
नई दिल्लीः वित्त मंत्री अरुण जेटली के नाम पर हैदराबाद के एक व्यक्ति से 20 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. धोखाधड़ी के इस मामले में उनके लेटर हेड के साथ साथ उनका हस्ताक्षर भी है. मत्रालय ने लेटर हेड और हस्ताक्षर को फर्जी बताया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली पुलिस की अपराध साखा में एफआईआर दर्ज करवाई गई है. लेटर हेड और फर्जी हस्ताक्षर की शिकायत खुफिया जांच एजेंसी के चीफ राजीव जैन से भी शिकायत की गई है.
पुलिस सूत्रों के अनुसार गृह मंत्रालय के साइबर एंड इन्फॉर्मेशन सर्विसेस (सीआईएस) डिवीजन-2 के सेक्शन ऑफिसर केजे सनी की तरफ से एफआईआर दर्ज कराई गई है. जिसमें बताया गया है कि तेलंगाना के हैदराबाद निवासी तारक पगदल के पास वित्त मंत्री के सिग्नेचर वाले 2 एंडोर्समेंट लेटर भेजे गए. जिनके आधार पर तारक से 20 करोड़ रूपये रुपये एक एकाउंट में ट्रांसफर करवाये गए.
इसके बाद तारक को तीसरा लेटर भी मिला जो वित्त मंत्रालय के सेक्शन अफसर शम्भू कुमार के नाम से था. इस लेटर में 4 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने की अनुमति दी गई. तीसरे लेटर के बाद से तारक के मन में कुछ खटका हुआ, जिसके बाद उसने वित्तमंत्री के ओएसडी पारस सांखला (आईआरएस) को ईमेल के जरिये संपर्क किया.
मेल में ही तीनों लेटर को अटैच कर दिया गया. सांखला ने मेल पर संज्ञान लेते हुए इसे गृहमंत्रालय को फारवर्ड किया. साथ ही यह भी कहा कि तीनों एंडोर्समेंट लेटर फर्जी हैं, जिनमें अरुण जेटली और शम्भू कुमार के सिग्नेचर भी फर्जी हैं. गृहमंत्रालय ने जांच सीआईएस सेक्शन 2 को सौंपी, जिसके बाद दिल्ली पुलिस कमिश्नर और आईबी के महानिदेशक राजीव जैन को यह शिकायत भेज दी गई.
क्या है मामला
पुलिस सूत्रों के अनुसार तारक मार्केटिंग से जुड़ा व्यवसाय करता है. 2015 में वह आईपीएमाईओआरजी नामक एक संस्थान के जगदीश बोलापति और प्रसाद के बोलापति के संपर्क में आए. जिन्होंने तारक को बताया कि उनकी डील एक अमेरिकन संस्थान आईपीएम( इंटरनेशनल प्रेशियस मेटल इंस्टिट्यूट, यूएसए) से हुई है. डील 80 हजार करोड़ रुपये की है. तुम चाहो तो इस डील में शामिल हो सकते हो और अपना शेयर डाल सकते हो. तारक ने यह बात अपने अन्य जानकारों को भी बताई और फिर एक ग्रुप बनाकर इस डील में शामिल हो गए. तारक के पास 3 एंडोर्समेंट लेटर आये, जिनमे वित्तमंत्रालय की तरफ से पेमेंट के लिए अप्रूवल दी गई थी.
तारक ने बात करने से किया इनकार
जब इस मामले को लेकर तारक से बात करने के लिए संपर्क किया गया तो उन्होंने इस मामले की पुष्टि तो की लेकिन बात करने से मना कर दिया. उन्होंने कहा कि मंत्रालय के अधिकारी ने इस मामले के सम्बंध में मीडिया से बात न करने की हिदायत दी है और कहा है कि मामला संवेदनशील है, मीडिया से बात करने पर आपका मामला प्रभावित हो सकता है. तारक के साथ डील में शामिल उसके कुछ साथी भी इस ठगी का शिकार बने हैं.
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तहसीन मुनव्वरवरिष्ठ पत्रकार
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