Delhi News: रोहिणी जिला पुलिस ने दिल्ली में प्रधानमंत्री रोजगार गारंटी योजना के नाम पर धोखाधड़ी कर रहे एक कॉल सेंटर का पर्दाफाश करते हुए 28 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इन आरोपियों में 25 महिलाएं भी शामिल है. पुलिस ने इनके पास से 19 मोबाइल फोन, 4 कंप्यूटर, एक लैपटॉप, 83,500 कैश और टेलीकॉलिंग की डिटेल वाले रजिस्टर बरामद किए गए हैं.
पुलिस के मुताबिक ये गैंग प्रधानमंत्री रोजगार गारंटी योजना (पीएमआरजीपी) के तहत लोन दिलाने के नाम पर आम लोगों के साथ ठगी कर रहा था. पुलिस की मानें तो 2 साल में ये गैंग करीब 1000 से ज्यादा लोगों के साथ ठगी कर चुका है.
दरअसल रोहिणी की रहने वाली मुन्नी देवी नाम की एक महिला ने पुलिस को शिकायत दी थी. शिकायत में उसने बताया कि उसे सतीश नाम के एक शख्स ने बैंक का कर्मचारी बनकर फ़ोन किया और उसे प्रधानमंत्री रोजगार गारंटी योजना के तहत लोन दिलाने की बात की. महिला ने पुलिस को बताया कि उस शख्स ने 6 लाख रुपए के लोन की बात की. इस लोन की एवज में सतीश नाम के उस शख्स ने 21500 रुपए महिला से मांगे और उसे एक अकाउंट नम्बर भी दिया. महिला झांसे में आ गई और RBL के उस अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर दिए. महिला का आरोप है कि इसके बाद सतीश नाम के उस शख्स ने फ़ोन उठाना बंद कर दिया. मामले की गंभीरता को समझते हुए पुलिस ने मामला दर्ज किया और जांच शुरू की.
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पुलिस ने RBL के अकाउंट और उस फोन नम्बर की डिटेल्स को खंगाला तो पुलिस को पता चला कि जिस अकाउंट में पैसे ट्रांसफर किए गए थे उस अकाउंट से UPI के जरिए शुभम खान नाम के एक शख्स को रकम ट्रांसफर की गई है. इतना ही नहीं कॉल डिटेल्स के जरिए पुलिस को जानकारी मिली कि दिल्ली के महिंद्रा पार्क इलाके में एक कॉल सेंटर चलाया जा रहा है और वही से बैठकर ठगी की वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है.
डीसीपी रोहिणी प्रणव तायल ने बताया कि एक टीम बनाकर उस कॉल सेंटर पर छापा मारा जहां 28 लोग काम कर रहे थे, जिसमें 25 महिलाएं भी शामिल थी. पुलिस ने जांच की तो पता चला कि ये सभी प्रधानमंत्री रोजगार गारंटी योजना के नाम पर भोलेभाले लोगों से धोखाधड़ी कर रहे थे. आरोपियों से पूछताछ में पता चला है ये गिरोह टेलीकॉलिंग के जरिए पीएमआरजीपी के तहत कर्ज की पेशकश करता था. इतना ही नहीं ये ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से ठगी करते थे. 2 साल में ये गैंग करीब 1000 से ज्यादा लोगों को ठगी का शिकार बना चुका है.
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