कोरोना के मुश्किल वक्त में एक तरफ जहां देशभर में जरूरी दवाईयों की कालाबाजारी का मामला सामने आ रहा तो वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय राजधानी में आजकल कोरोना सैंपल घर से कलेक्शन के नाम पर एक अलग तरह का ही फर्जीवाड़ा हो रहा है. आप घर में रहकर कोरोना का टेस्ट इसलिए कराते हैं ताकि आप अपने आपको सुरक्षित रख सकें और आपकी सही रिपोर्ट मिल जाए. लेकिन, ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिसमें सैंपल लेने वाले व्यक्ति लैब टेक्नीशियन नहीं होते हैं बल्कि वह इस मुश्किल घड़ी में पैसे कमाने का अपने लिए एक नया अवसर देख रहे हैं.


कैसे होता है घर से सैंपल कलेक्शन में फर्जीवाड़ा?


दरअसल, प्राइवेट लैब में 800 रुपये का कोरोना टेस्ट होता है लेकिन जब वहीं घर पर सैंपल लेने आता है तो वह आपसे 14 सौ से 15 सौ रुपये मांगता है. अगर आपके किसी परिचित ने टेस्ट कराया तो उसका नंबर आगे फॉरवर्ड हो जाता है और आप उन पर विश्वास कर लेते हैं. लेकिन, इस बात की कोई गारंटी नहीं कि जो वह सैंपल लेकर जा रहा है उसकी वह सही रिपोर्ट ही लाकर आपको देगा.


आपदा में अवसर ढूंढने वाले इन लोगों से निबटने के लिए ये ज़रूरी है कि जो आपका सैम्पल लेने आया है आप उसका पहचान पत्र देखें. केवल पैसे कमाने की धुन में इस काम को कर रहे नौजवान कितने ध्यान से आपका सैम्पल ले जा रहे हैं ये कोई नहीं जानता और ना ही ऐसा करने पर आपको खुद की रिपोर्ट मिल रही है इसकी भी कोई गारंटी नहीं रहती.


डॉ. बीबी बाधव बोले- दिल्ली सरकार करे कार्रवाई


इधर, दिल्ली में कोरोना के लिए सैंपल घर से लेने के नाम पर जिस तरह का फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है उसको लेकर एबीपी न्यूज से बात करते हुए दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व प्रसिडेंट बीबी बाधवा ने सरकार से कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा कि इसमें लैब सबसे बड़ी गलती कर रही है. बाधवा ने कहा कि अगर कोई रात में सैंपल लेकर जाता है और सुबह लैब में सैंपल जमा कराता है तो इस बात की काफी संभावना रहती है कि वह सैंपल खराब हो जाएगा. इसके साथ ही, अगर उस सैंपल को उसके हिसाब से तापमान मैंटेन नहीं किया गया और अधिक तापमान में रखा गया तो भी उस सैंपल के खराब होने की पूरी संभावना है.


'सरकार करें लैब को सर्टिफाई'


बीबी बाधवा ने आगे कहा कि सरकार को ऐसे लैब को सबसे पहले सर्टिफाई करना चाहिए. लैब की निगरानी करने के लिए एक संस्था बनाई जानी चाहिए. इसके साथ है, सैंपल कलेक्शन में बार कोडिंग का जरूर इस्तेमाल होना चाहिए ताकि किसी अन्य के सैंपल की मिक्सिंग किसी और के साथ ना हो जाए.


इसके साथ ही, दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व प्रसिडेंट ने आगे कहा कि जो लैब ऐसे आम लोगों कि जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं उन पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. ताकि भविष्य में कोई ऐसा फर्जीवाड़ा करने की नहीं सोचेगा.


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