नई दिल्ली: महिला और बाल विकास मंत्रालय ने नरेंद्र मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना के नाम पर फर्जी फॉर्म की बिक्री को लेकर फिर से अलर्ट जारी किया है. मंत्रालय ने गुरुवार को एक सार्वजनिक अपील में कहा कि कुछ अनधिकृत वेबसाइटें, संस्थान, एनजीओ, लोग ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना के तहत नकद प्रोत्साहन राशि के नाम पर फर्जी फॉर्म बांट कर रहे हैं.
मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘योजना में भारत सरकार द्वारा किसी को नकदी हस्तांतरित करने का कोई प्रावधान नहीं है. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना सामाजिक व्यवस्था में गहरी पैठ बना चुकी पितृसत्ता और सोच को चुनौती देने पर, पीसीएंडपीएनडीटी कानून को सख्ती से लागू करने पर और बच्चियों को शिक्षा देने पर जोर देती है. यह कोई प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) वाली योजना नहीं है.’’ मंत्रालय ने 16 फरवरी को जनता को इस तरह के फर्जीवाड़ों से दूर रहने के लिए चेतावनी जारी की थी.
हालांकि खबरों में दावा किया गया कि माता-पिता को अब भी जाली फॉर्म बेचे जा रहे हैं जिन्हें वे मंत्रालय को भरकर भेज रहे हैं. मंत्रालय ने इसी साल मार्च महीने में इस मामले में दिल्ली सरकार और एसपी से संपर्क साधा था. महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने इसी महीने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर उनसे भी उपद्रवियों पर लगाम कसने का अनुरोध किया था.
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘मंत्रालय उस समय सचेत हुआ जब इस मामले में कई फोन आने लगे. लोग पूछ रहे थे कि उन्हें पैसा कैसे मिल सकता है.’’ उत्तर प्रदेश सरकार ने इस महीने की शुरूआत में राज्य में घोटाले को लेकर अलर्ट जारी किया था. इसमें बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नाम पर लड़कियों के माता-पिता को एक से दो लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि देने का वादा किया गया. मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि घोटाले में हजारों लोगों के ठगे जाने की आशंका है.