Samajwadi Party Open Letter: विधानसभा चुनावों के पहले उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को टक्कर देने के लिए अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) द्वारा छोटे छोटे दलों को मिलकर बनाया गया गठबंधन बिखर गया. शनिवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) और ओम प्रकाश राजभर (OP Rajbhar) से राजनीतिक संबंध खत्म कर लिए. अखिलेश यादव ने दो अलग अलग चिट्ठी जारी कर शिवपाल सिंह यादव और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को दो टूक संदेश देते हुए कहा कि आपको जहां ज्यादा सम्मान मिलता है. आप वहां जाने के लिए स्वतंत्र हैं. इन पत्रों के जरिए अखिलेश ने शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी और ओमप्रकाश राजभर की पार्टी SBSP से गठबंधन तोड़ने का औपचारिक ऐलान कर दिया है.


अखिलेश के इस फैसले की प्रतीक्षा ओमप्रकाश राजभर बीते एक माह से कर रहे थे. विधान परिषद के चुनावों में ओमप्रकाश के बेटे को  प्रत्याशी ना बनाये जाने को लेकर वह अखिलेश यादव से नाराज थे. यह नाराजगी तब और बढ़ गई, जब आजमगढ़ और रामपुर संसदीय सीटों पर हुए उपचुनावों में समाजवादी पार्टी हार गई. इस हार की आड़ लेकर ओमप्रकाश ने अखिलेश यादव पर तंज कसे थे. उन्होंने कहा था कि अखिलेश एसी कमरे के बाहर निकलकर चुनाव प्रचार करने नहीं गए, इसलिए पार्टी के उम्मीदवार आजमगढ़ और रामपुर सीट हार गए. इन आरोप प्रत्यारोपों के बीच राष्ट्रपति चुनाव के दौरान अखिलेश यादव ने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का समर्थन करने को लेकर बुलाई गई बैठक में शिवपाल सिंह यादव और ओपी राजभर को नहीं बुलाया. जिसे लेकर शिवपाल यादव और ओमप्रकाश खफा हुए और शिवपाल यादव और ओमप्रकाश राजभर ने अपने पांच विधायकों के साथ द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में मतदान किया.


अखिलेश ने कहा आप स्वतंत्र
एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में खड़ा होने के एवज में शुक्रवार को योगी सरकार ने ओमप्रकाश राजभर को  Y श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कर दी. यह सुरक्षा पाने के बाद ओमप्रकाश राजभर ने योगी सरकार का आभार जताते हुए यह एलान किया कि अखिलेश यादव से उनकी पार्टी के तलाक के पेपर तैयार हैं, बस हस्ताक्षर होने बाकी हैं. ओम प्रकाश राजभर के इस ऐलान के 24 घंटे की भीतर ही अखिलेश यादव ने राजभर के एक पत्र जारी कर यह लिख दिया कि ओमप्रकाश राजभर समाजवादी पार्टी लगातार बीजेपी के खिलाफ लड़ रही है. आपका BJP के साथ गठजोड़ है और आप लगातार BJP को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं. अगर आपको लगता है कि कहीं ज्यादा सम्मान मिलेगा तो आप वहां जाने के लिए स्वतंत्र हैं. अखिलेश यादव ने शिवपाल सिंह यादव को भी पत्र भेज कर कह दिया है कि शिवपाल सिंह यादव जी, अगर आपको लगता है कि कहीं ज्यादा सम्मान मिलेगा तो आप वहां जाने के लिए स्वतंत्र हैं.


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उनको मेरी यही बात बुरी लगी
अखिलेश यादव के इस पत्र के जारी होने के बाद ओमप्रकाश  राजभर ने कहा कि मैं अखिलेश को सुझाव देता रहा, लेकिन उनको मेरी यही बात बुरी लगी. उनको सुर में सुर मिलाकर बात करने वाला नेता चाहिए. मैं आज भी कह रहा हूं कि वो पाल, प्रजापति और कश्यप किसी को भी पार्टी में जगह देना नहीं देना चाहते. अगर मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलूं तो बुरा है, लेकिन वो या उनके पिता मुलायम सिंह मिलें तो अच्छा है. मैं जिसे चाहता हूं उनसे मिलता हूं. मेरे संबंधों पर कोई उंगली नहीं उठा सकता. अगर कोई (अखिलेश) सोचे कि मैं वही करूं जो वो कहे तो ये नहीं हो सकता. मैं किसी का गुलाम नहीं हूं. शिवपाल सिंह यादव ने अखिलेश के पत्र को लेकर कहा कि मैं तो पहले से आज़ाद हूं, फिर भी चिट्ठी लिख कर मुझे स्वतंत्र करने के लिए उनको ( अखिलेश) धन्यवाद करता हूं.  शिवपाल पहले से अपनी पार्टी को  मजबूत करने की बात कह चुके हैं.


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