नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश के नाम अपने सम्बोधन में वैक्सीन नीति में बड़े बदलाव का ऐलान किया था. पीएम मोदी ने घोषणा की थी कि अब राज्यों के हिस्से की वैक्सीन भी केंद्र सरकार ही खरीदेगी. साथ ही 21 जून से 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को मुफ़्त वैक्सीन देने और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को नवंबर तक बढ़ाने का भी ऐलान किया गया. ऐसे में अब केंद्र सरकार को पहले की अपेक्षा ज़्यादा पैसों की ज़रूरत पड़ेगी.
फ्री वैक्सीन के लिए 50000 हज़ार करोड़ रुपए की जरूरत
वित्त मंत्रालय के सूत्रों का आकलन है कि पीएम मोदी की तरफ से घोषित नई वैक्सीन नीति के लिए अब 45000-50000 हज़ार करोड़ रुपए की आवश्यकता पड़ेगी. हालांकि उन्होंने कहा कि फ़िलहाल वैक्सीन ख़रीदने के लिए पैसों की कोई कमी नहीं है, क्योंकि इसके लिए बजट में ही प्रावधान किए गए थे. इस साल के आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वैक्सीन की ख़रीद और उसे लोगों को देने के 35000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था.
अबतक केंद्र सरकार ने कोवैक्सिन , कोविशिल्ड और स्पुतनिक की ख़रीद के लिए बजटीय प्रावधान से ही पैसे खर्च किए हैं. अभी हाल ही में केंद्र सरकार ने एक नए स्वदेशी वैक्सीन निर्माता बायोलॉजिकल ई की प्रस्तावित वैक्सीन के 30 करोड़ डोज के लिए भी 1500 करोड़ का अग्रिम भुगतान किया है.
वैक्सीन के लिए पैसों की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी- सरकार
वित्त मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि बजटीय प्रावधान के अलावा पैदा हुए ज़रूरत को पूरा करने के लिए संसद के शीतकालीन सत्र में पूरक अनुदान मांगों के ज़रिए संसद की अनुमति ली जाएगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पहले ही कह चुकी हैं कि वैक्सीन के लिए पैसों की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी.
PMGKAY पर आएगा .1-1.3 लाख करोड़ तक का खर्चा
वहीं, दूसरी ओर पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) इस साल नवंबर तक जारी रखने का एलान किया है. इस योजना पर इस वित्त वर्ष में 1.1-1.3 लाख करोड़ तक का खर्चा आ सकता है. केंद्र सरकार ने बीते साल कोरोना वायरस की पहली लहर के दौरान 26 मार्च 2020 को लॉक डाउन को ध्यान में रखते हुए ये योजना शुरू की थी.
PMGKAY में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत आने वाले सभी लाभार्थियों को महीने में एक बार 5 किलो अनाज मुफ्त दिया जाता है. इसलिए टीकों और खाद्यान्न आपूर्ति के कारण 2021-22 में लगभग 1.15 लाख करोड़ रुपए की अतिरिक्त लागत आने का अनुमान है.
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