कर्नाटक: कर्नाटक के कलबुर्गी में एक हत्यारे ने अपनी मेडिकल की पढ़ाई दोबारा शुरू की और डॉक्टर बन गए. उन्होंने 14 साल पहले अपनी प्रेमिका और उसके पति की हत्या की थी. हत्या के जुर्म में अदालत ने उन्हें उम्र कैद की सजा सुनाई. 14 साल जेल की सजा के बाद उनके अच्छे आचरण को देखते हुए रिहा कर दिया गया. जेल से निकलने के बाद उन्होंने अपनी मेडिकल की अधूरी पढ़ाई पूरा करने के लिए दाखिला लिया. शनिवार को उन्हें MBBS की डिग्री एक समारोह में दी गई.
हत्यारा से कैसे डॉक्टर बना शख्स
डॉ सुभाष तुकाराम पाटिल बेंगलुरू से 475 किलोमीटर दूर अफजलपुर तालुक के निवासी हैं. जिस वक्त उनको सजा सुनाई गई, सुभाष कलबुर्गी के एक मेडिकल कॉलेज में MBBS के छात्र थे. छात्र रहते उन्हें एक शादीशुदा महिला से एकतरफा प्रेम हो गया. महिला की तरफ से प्रेम में नाकाम रहने के बाद उन्होंने महिला और उसके पति की हत्या कर दी. हत्या के जुर्म में अदालत ने उन्हें उम्र कैद की सजा सुनाई.
साथी छात्रों से 14 पीछे रहते पूरा किया MBBS
महादेवयप्पा रामपुरे मेडिकल कॉलेज (MRMC) के डीन उमेश चंद्र कहते हैं, "पाटिल ने अपने साथी छात्रों से 14 साल पीछे रहते MBBS की पढ़ाई पूरी की है." MRMC में लेक्चर और ENT विशेषज्ञ डॉ किरण पाटिल, डॉ सुभाष पाटिल के साथी रहे हैं. दोनों 2002 में एक साथ एमबीबीएस के छात्र थे. किरण कहते हैं कि जेल से बाहर आने के बाद सुभाष का डॉक्टर बनना बहुत ही प्रेरणादायक है. उन्होंने जेल से छूटने के बाद MBBS कोर्स में दाखिला लेकर पढ़ाई को अंजाम तक पहुंचाया. सुभाष को सजा की अवधि के दौरान 6 साल बेंगलुरू के सेंट्रल जेल में बिताना पड़ा. उसके बाद कलबुर्गी सेंट्रल जेल में उन्हें शिफ्ट कर दिया गया. जेल में रहते ही उन्होंने कर्नाटक स्टेट ओपन यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता का कोर्स किया.
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