स्वतंत्रता सेनानी और समाजसेवी एचएस डोरेस्वामी का आज उनके आवास पर निधन हो गया. उनकी मृत्यु हृदयगति रुकने से हुई है. उनकी उम्र 104 वर्ष थी. वो कोरोना से संक्रमित होने के बाद हाल ही में ठीक हुए थे.



डॉक्टर ने बताया कि उन्हें पिछले 10 साल से वैल्युलर हार्ट डिजीज थी और इस अवधि में उन्हें कई बार जयदेवा अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उन्हें इस महीने की शुरुआत में कोरोनावायरस पॉजिटिव पाया गया था. जिसके बाद अस्पताल में भर्ती किया गया था.






उनका जन्म 10 अप्रैल, 1918 को मैसूर के तत्कालीन राज्य हरोहली में हुआ था. जब वो पांच साल के थे तभी उनके माता-पिता की मृत्यु हो गई. तब से उन्हें उनके दादाजी ने पाला. वह कम उम्र में ही स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हो गए. पोस्टबॉक्स में छोटे पैमाने पर समय बम लगाने और ब्रिटिश सरकार के अधिकारियों के रिकॉर्ड वाले कमरे में दस्तावेजों को जलाने समेत ब्रिटिश शासन के खिलाफ मैसूर राज्य में विरोध प्रदर्शन और आम हड़तालों का आयोजन तक उन्होंने किया. उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन सहित कई स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से भाग लियाय वह 1943 से 1944 तक 14 महीने जेल में रहे.उन्होंने मैसूर चलो आंदोलन में भी भाग लिया था ताकि मैसूर महाराजा को आजादी के बाद भारतीय राज्य को स्वीकार करने के लिए मजबूर किया जा सके.