नई दिल्लीः ट्राई चेयरमैन आर एस शर्मा ने ट्विटर पर अपना आधार नम्बर डालकर ये चुनौती दी थी कि कोई उनका निजी डेटा निकाल कर दिखाए. इसके बाद फ्रांस के एक हैकर ने शर्मा का मोबाइल नम्बर और पैन नम्बर ट्विटर पर डाल कर दावा किया था कि आधार नम्बर से निजी जानकारियां निकाली जा सकती हैं. अब आधार जारी करने वाली संस्था भारतीय विशिष्ट पहचान पत्र प्राधिकरण (UIDAI) ने एक बयान जारी कर कहा है कि सोशल मीडिया पर किया जा रहा दावा ग़लत है और आधार नम्बर से कोई जानकारी चोरी नहीं की गई है और न ही की जा सकती है.
बयान के मुताबिक चूंकि आर एस शर्मा लंबे समय तक नौकरशाह रहे हैं लिहाज़ा उनका फ़ोन नम्बर कई वेबसाइट पर सार्वजनिक है. साथ ही उनकी जन्मतिथि सरकार के सिविल लिस्ट में है जो सरकार के वेबसाइट पर है. पैन कार्ड भी साधारणतया लोग कई जगह देते हैं. लिहाजा उनकी सार्वजनिक जानकारियों को ही निकाल कर उसे सामने लाकर आधार को निजी जानकारी के लिए असुरक्षित साबित करने की कोशिश की जा रही है.
यूआईडीएआई ने लोगों से इन बातों पर विश्वास नहीं करने की अपील की है और आधार को पूरी तरह सुरक्षित बताया है.
क्या है पूरा मामला
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के अध्यक्ष आर. एस. शर्मा ने आधार की सुरक्षा का पुख्ता दावा करते हुए अपना 12 अंकों का आधार नंबर जारी करते हुए कहा था कि अगर इससे सुरक्षा से जुड़ा कोई खतरा है, तो कोई मेरे आंकड़े लीक करके दिखाए और उनकी इस चुनौती के कुछ घंटे बाद ही उनके आंकड़े लीक हो गए. इलियट एल्डरसन उपनाम वाले फ्रांस के एक सुरक्षा विशेषज्ञ ने ट्वीट्स की श्रृंखला में शर्मा के निजी जीवन के कई आंकड़े, उनके 12 अंकों की आधार संख्या के माध्यम से जुटाकर जारी कर दिए, जिनमें शर्मा का निजी पता, जन्मतिथि, वैकल्पिक फोन नंबर आदि शामिल है.
शर्मा का कार्यकाल नौ अगस्त को समाप्त हो रहा है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, "मेरा आधार संख्या 762177682740 है. मैं चुनौती देता हूं कि आप कोई ठोस उदाहरण दें कि इसे जानकर आप मुझे कोई हानि पहुंचा सकते हैं." इस चुनौती के कुछ घंटे बाद ही उनके निजी आंकड़े लीक हो गए. एंडरसन ने शर्मा को जवाब देते हुए कहा, "आपके आधार संख्या के साथ 9958587977 फोन नंबर जुड़ा है. यह नंबर आपके सचिव का है."
उन्होंने इन आंकड़ों को जारी करते हुए शर्मा को बताया कि आधार संख्या को सार्वजनिक करने के क्या खतरे हो सकते हैं. एल्डरसन ने लिखा, "आधार संख्या असुरक्षित है. लोग आपका निजी पता, वैकल्पिक फोन नंबर से लेकर काफी कुछ जान सकते हैं. मैं यही रुकता हूं. मैं उम्मीद करता हूं कि आप समझ गए होंगे कि अपना आधार संख्या सार्वजनिक करना एक अच्छा विचार नहीं है."
यूआईडीएआई का पक्ष
यूआईडीएआई ने ट्राई प्रमुख आर एस शर्मा के बचाव में उतरते हुये कहा कि शर्मा की जो व्यक्तिगत जानकारी ट्विटर पर डाली जा रही है, वह आधार डाटाबेस अथवा उसके सर्वर से नहीं ली गई है. इस बारे में डाटाबेस को हैक किये जाने के जो दावे किये जा रहे हैं वह जानकारी गूगल सर्च पर आसानी से उपलब्ध है. इसके लिये 12 अंकों के विशिष्ट पहचान संख्या की आवश्यकता भी नहीं है.
आधार नंबर के संभावित दुरुपयोग को लेकर आर. एस. शर्मा और कुछ ट्विटर उपयोगक्ताओं के बीच बड़ा विवाद छिड़ा हुआ है. यूआईडीएआई इस विवाद में शर्मा के समर्थन में कूद पड़ा है.
बहरहाल, यूआईडीएआई ने एक वक्तव्य में कहा है, ‘ट्विटर पर जिस व्यक्ति, आर एस शर्मा की जानकारी को प्रकाशित किया जा रहा है वह आधार डाटाबेस से नहीं या फिर यूआईडीएआई के सर्वर से नहीं उठाई गई है.’ इसमें कहा गया है कि शर्मा पिछले कई दशकों से सरकारी सेवा में हैं और उनके बारे में काफी कुछ जानकारी गूगल सर्च और कई अन्य साइट पर उपलब्ध है. यह जानकारी आधार नंबर के बिना भी गूगल पर केवल सामान्य खोज करने से उपलब्ध हो जायेगी.
TRAI चेयरमैन का 'आधार चैलेंज' फेल, फ्रांस के हैकर ने लीक कर दी जानकारियां